'जनरल' नहीं रहेगा General Ticket, भगदड़ के बाद रेल मंत्रालय चेंज कर सकता है रूल
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ के बाद रेलवे कई नियमों में बदलाव करने पर विचार कर रहा है। इन बदलावों में अनारक्षित टिकटों पर ट्रेनों के नाम और नंबर दर्ज करने का प्रस्ताव भी शामिल है। रेल मंत्रालय जनरल टिकटों की बुकिंग प्रणाली में भी बदलाव पर विचार करने जा रहा है। हालांकि इसको लेकर अभी फैसला नहीं हुआ है।
अरविंद शर्मा, जागरण, नई दिल्ली। पर्व-त्योहारों एवं अन्य खास अवसरों के दौरान रेलवे स्टेशनों को अनावश्यक भीड़ से बचाने के लिए कई तरह के उपायों पर विचार किया जा रहा है। इनमें अनारक्षित टिकटों पर ट्रेनों के नाम और नंबर दर्ज करने का प्रस्ताव भी शामिल है।
ऐसा होने पर यात्री तय समय से पहले प्लेटफॉर्म पर नहीं जा पाएंगे। इससे अंतिम समय में प्लेटफॉर्म बदलने की गुंजाइश भी कम होगी।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार को मची भगदड़ के बाद रेल मंत्रालय जनरल टिकटों की बुकिंग प्रणाली में भी बदलाव पर विचार करने जा रहा है। अभी फैसला नहीं हुआ है।
नई दिल्ली हादसे के बाद सबक
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हादसे के बाद रेल मंत्रालय ने उतने ही अनारक्षित टिकट काटने का आदेश जारी कर दिया है, जितनी ट्रेनों की क्षमता है। किसी खास दिन में भीड़ बढ़ने की आशंका होने पर प्लेटफॉर्म टिकटों की संख्या भी सीमित करने के लिए कहा गया है।
इन ट्रेनों में जनरल टिकट से यात्रा मान्य नहीं
रेल मंत्री ने बताया कि अगले छह महीने के दौरान अभियान चलाकर रेलवे में व्यापक सुधार के लिए सुझाव लिए जाएंगे। रेलवे के नियमों के अनुसार एक्सप्रेस, सुपरफास्ट, राजधानी एवं वंदेभारत जैसी प्रीमियम ट्रेनों में जनरल टिकट से यात्रा मान्य नहीं है। इनमें जनरल टिकट से यात्रा करने पर यात्री को बेटिकट माना जाता है।
जानिए रेलवे के नियम
रेलवे की व्यवस्था के अनुसार एक ट्रेन में अलग-अलग तीन श्रेणी के कोच होते हैं। पैसेंजर ट्रेनों में वातानुकिलत, स्लीपर एवं सामान्य कोच होते हैं। सामान्य कोच को अनारक्षित रखा जाता है, जिसमें जनरल टिकट लेकर यात्रा की जाती है। इसमें यात्रियों की संख्या तय नहीं होती है। इसलिए छोटी दूरी की यात्रा के लिए अक्सर लोग इसी श्रेणी को प्राथमिकता देते हैं।
कितने प्रकार का होता है जनरल टिकट?
जनरल टिकट भी दो तरह के होते हैं। दो सौ किलोमीटर से कम दूरी के लिए बुक किया गया जनरल टिकट सिर्फ तीन घंटे तक ही मान्य होता है। इसका मतलब है कि टिकट बुकिंग के तीन घंटे के भीतर आपको अपनी यात्रा शुरू करनी होगी। इसके बाद अगर किसी ट्रेन में बैठते हैं तो यात्रा अवैध मानी जाती है। ऐसी स्थिति में यात्रियों पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
बीच रास्ते में नहीं बदल पाएंगे ट्रेनें
अभी तक रास्ते में भी किसी एक ट्रेन को छोड़कर लोग दूसरी ट्रेन में सवार हो जाते हैं। जनरल टिकटों में ट्रेनों के नाम और नंबर दर्ज रहने पर ऐसा नहीं किया जा सकता है। यात्री के साथ उसी ट्रेन से सफर पूरा करने की मजबूरी होगी। दो सौ किलोमीटर से अधिक की यात्रा की स्थिति में जनरल टिकट तीन दिन पहले भी कटाया जा सकता है।
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