Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Indian Railway: रेलवे से जुड़े निजी एप बढ़ा रहे यात्रियों की मुश्किलें, इस तरह लीक हो रही जानकारी

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Mon, 22 Jul 2019 11:38 PM (IST)

    कुछ एप रेलवे व आईआरसीटीसी के अधिकृत एप से ही डाटा चुरातें हैं और वही जानकारी यात्रियों को उपलब्ध कराते हैं। इस के कारण कई बार यात्रियों की ट्रेनें छूट जाती हैं और वे परेशान होते हैं।

    Indian Railway: रेलवे से जुड़े निजी एप बढ़ा रहे यात्रियों की मुश्किलें, इस तरह लीक हो रही जानकारी

    भोपाल, जेएनएन। गूगल-प्ले स्टोर पर रेलवे और इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पाेरशन (आईआरसीटीसी) से जुड़े एप की बाढ़ आ गई है। ये एप यात्रियों को सहूलियत तो नहीं दे रहे बल्कि उनकी मुश्किलें ज्यादा बढ़ा रहे हैं।

    इनमें से कुछ एप रेलवे व आईआरसीटीसी के अधिकृत एप से ही डाटा चुरातें हैं और वही जानकारी यात्रियों को उपलब्ध कराते हैं। इस के कारण कई बार यात्रियों की ट्रेनें छूट जाती हैं और वे परेशान होते हैं। रेलवे का इन पर कोई नियंत्रण नहीं है, यात्री खुद जूझ रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ऐसे मुश्किल बढ़ा रहे लोकल एप
    छिंदवाड़ा से दिल्ली जाने वाली पातालकोट एक्सप्रेस (14623) का रविवार को रनिंग स्टेटस देखा गया। इसके लिए रेलवे के अधिकृत और दो निजी एप की मदद ली गई। रेलवे के नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम (एनटीईएस) एप से पता चला कि ट्रेन 6 बजकर 7 मिनट पर पवई स्टेशन पहुंची। एक निजी एप ने बताया कि 6.02 बजे पहुंची और दूसरे निजी एप ने बताया कि 6.16 बजे पवई स्टेशन पहुंची। निजी एपों की यह एक गड़बड़ी नहीं है, बल्कि ट्रेन की लोकेशन को लेकर कुछ एप ज्यादातर गफलत की स्थिति पैदा कर देते हैं।

    यात्रियों के डाटा से कमाई कर रहे निजी एप
    आईटी विशेषज्ञ शशांक वैष्णव बताते हैं कि यात्रियों से जुड़ी जानकारियां कई तरह से उपयोग की जा रही है। यही वजह है कि कुछ अधिकृत एप की तरह निजी एप बना लिए जाते हैं और यात्रियों से जुड़ी जानकारी का डाटा एकत्रित करके बेच देते हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण मोबाइल नंबर रहता है। जिस पर विभिन्न कंपनियों के आपको बार-बार कॉल आने लगते हैं।

    रेलवे-आईआरसीटीसी के ये एप अधिकृत
    एनटीईएस, रेल सारथी, यूटीएस, आईआरटीसीसी ऑफिशियल, आईआरसीटीसी कनेक्ट, आईआरसीटीसी फूड ऑन ट्रेक, आईआरसीटीसी टिकट, आईआरसीटीसी मील

    निजी एप से यात्री सावधान रहे
    परेशानी तो बढ़ी है निजी एप की संख्या तेजी से बढ़ी है। ऐसे एप पर मंडल स्तर से नियंत्रण नहीं रखा जा सकता। फिर भी वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दी जाएगी। रेलवे के एप का प्रचार-प्रसार ज्यादा करेंगे, ताकि निजी एप से यात्री सावधान रहे।
    - उदय बोरवणकर, डीआरएम भोपाल रेल मंडल