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    रेलवे की यह नई डिवाइस यात्रियों को तत्‍काल सीटें उपलब्‍ध कराने में कर रही मदद, आंकड़े जानकर हैरान हो जाएंगे आप

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Mon, 19 Sep 2022 12:07 AM (IST)

    ट्रेन में सफर करने वाले ऐसे यात्रियों को उनके वेटिंग टिकटों को आरएसी या कन्फर्म कराने के लिए परेशान नहीं होना पड़ रहा है। रेलवे एक नई डिवाइस लेकर आया है जो यात्रियों को तत्‍काल बर्थ उपलब्‍ध कराने में बेहद मददगार साबित हो रही है। जानें इसकी खासियतें...

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    रेलवे की नई डिवाइस हैंड हेल्ड टर्मिनल यात्रियों को तत्‍काल बर्थ उपलब्‍ध कराने में बेहद मददगार साबित हो रही है।

    नई दिल्‍ली, एजेंसी। रेलवे की नई डिवाइस हैंड हेल्ड टर्मिनल (Hand Held Terminals, HHTs) यात्रियों को तत्‍काल बर्थ उपलब्‍ध कराने में बेहद मददगार साबित हो रही है। इस डिवाइस के परफार्मेंस का आलम यह है कि ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों को वेटिंग टिकट को आरएसी या कन्फर्म कराने के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ रहे हैं। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट कहती है कि बीते चार महीनों में रेलवे इस डिवाइस ने हर रोज औसतन 7,000 वेटिंग टिकट धारक यात्रियों को कन्फर्म सीट हासिल करने में मदद की है।

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    रेलवे और यात्रियों दोनों को मिल रहा लाभ 

    समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे की नई डिवाइस हैंड हेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) के माध्यम से रोजाना आजकल करीब सात हजार ऐसे यात्रियों को कंफर्म सीट उपलब्ध हो रही है जिनकी आरक्षण चार्ट बनने उपरांत तक सीट कंफर्म नहीं थी यानी वह प्रतीक्षरत सूची में ही थे। इस तकनीक से जहां रेल यात्री लाभान्वित हो रहे हैं, वहीं टीटीई की मनमर्जी से अनधिकृत सीट आवंटन पर भी अंकुश लगा है।

    बर्थ आवंटन में आई पारदर्शिता

    एक अधिकारी ने कहा कि आरएसी या प्रतीक्षा सूची टिकट वाले यात्री उस वक्त वास्तविक स्थिति के आधार पर खाली बर्थ की उपलब्धता के बारे में एचएचटी रखने वाले टीटीई से जांच कर सकते हैं। इससे ट्रेनों में बर्थ आवंटन में पारदर्शिता आई है। पीटीआइ द्वारा प्राप्त आंकड़ों के अनुसार चार महीने पहले शुरू की गई परियोजना के तहत अभी 1,390 ट्रेनों के टीटीई एचएचटी इस्तेमाल कर रहे हैं।

    क्‍या कहते हैं आंंकड़े

    चार महीनों में औसतन 5,448 आरएसी यात्रियों और 2,759 प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को एचएचटी के माध्यम से प्रतिदिन कंफर्म बर्थ आवंटित की गई हैं। आरएसी या प्रतीक्षा-सूची वाले यात्रियों को बर्थ आवंटन के अलावा लगभग 7,000 अप्रयुक्त खाली बर्थ भी एचएचटी के माध्यम से प्रतिदिन अलाट की जा रही हैं।

    सभी ट्रेनों में उपलब्‍ध कराए जाएंगे उपकरण 

    उन्होंने कहा कि अगले तीन-चार महीनों में ये एचएचटी साप्ताहिक और पाक्षिक सहित लंबी दूरी की सभी ट्रेनों में उपलब्ध करा दिए जाएंगे। एचएचटी का उपयोग डिजिटल भुगतान विकल्पों के माध्यम से यात्रियों से अतिरिक्त किराया, जुर्माना और अन्य शुल्क वसूलने के लिए भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इनका इस्तेमाल उन्हें रसीद जारी करने के लिए भी किया जाएगा।

    क्या है एचएचटी

    एचएचटी आईपैड के आकार का होता हैं। इसमें यात्रियों का रिजर्वेशन चार्ट उपलब्ध रहता है। ये ट्रेनों में टीटीई को उपलब्ध कराया गया है। यह डिवाइस जीपीआरएस के जरिए यात्री आरक्षण प्रणाली के केंद्रीय सर्वर से जुड़ी होती है। इसलिए जहां भी स्टेशन पर ट्रेन ठहरती है, वहां टिकटों की बु¨कग का विवरण अपडेट हो जाता है। इससे डिवाइस से वे¨टग और आरएसी के यात्रियों को खासा लाभ मिल रहा है। यदि आरक्षित टिकट वाला कोई यात्री अंतिम समय पर अपनी यात्रा को रद कर देता है तो खाली बर्थ एचएचटी पर प्रदर्शित होती है। इसके बाद टीटीई आरएसी या प्रतीक्षा-सूची वाले यात्री को वह सीट आवंटित कर देता है।

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