महराजगंज को जोड़ने वाली आनंदनगर से घुघली रेल लाइन को मंजूरी, पंजाब-दिल्ली से पूर्वोत्तर का रास्ता हुआ आसान
रेलवे ने गोरखपुर मंडल के महराजगंज को जोड़ने वाली आनंदनगर से घुघली रेल लाइन को मंजूरी दे दी है। 958.27 करोड़ की लागत वाली इस लाइन के बन जाने से पंजाब एवं दिल्ली से पूर्वोत्तर की ओर जाने वाली ज्यादातर ट्रेनें इसी रूट से चलने लगेंगी। लगभग 53 किमी लंबा इस रेल खंड से दूरी और रेलवे की ढुलाई लागत में भी कमी आएगी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रेलवे ने गोरखपुर मंडल के महराजगंज को जोड़ने वाली आनंदनगर से घुघली रेल लाइन को मंजूरी दे दी है। 958.27 करोड़ की लागत वाली इस लाइन के बन जाने से पंजाब एवं दिल्ली से पूर्वोत्तर की ओर जाने वाली ज्यादातर ट्रेनें इसी रूट से चलने लगेंगी। लगभग 53 किमी लंबा इस रेल खंड से दूरी और रेलवे की ढुलाई लागत में भी कमी आएगी।
कई दौर की वार्ता के बाद मंजूरी
रेलवे बोर्ड ने केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी एवं रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के बीच हुई कई दौर की वार्ता के बाद शुक्रवार को गोरखपुर मंडल के जिला मुख्यालय महराजगंज को जोड़ने वाली इस रेल लाइन के निर्माण की अधिसूचना जारी की है। इसके बिछ जाने से 11 नगर निकायों वाले इस जिले की कारोबारी गतिविधियों को बल मिलेगा।
भारतीय रेलवे के नेटवर्क पर महराजगंज अलग-थलग पड़ा हुआ था। यहां के लोगों को गोरखपुर और कुशीनगर जाकर ट्रेन पकड़नी पड़ती थी। जिले की व्यावसायिक गतिविधियां भी प्रभावित हो रही थी। महराजगंज जिला बनने के बाद यहां के करीब 30 लाख लोगों को विकास की आस बढ़ गई थी।
कुल 958.27 करोड़ खर्च होने का अनुमान
इस रेल लाइन को लेकर स्थानीय सांसद एवं केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी के प्रयासों को कई बार झटका भी लगा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। वार्ताओं का दौर चलता रहा। पिछले सप्ताह अश्विनी वैष्णव और पंकज चौधरी के बीच लंबी वार्ता हुई, जिसमें रेल लाइन को हरी झंडी मिल गई।
रेलवे बोर्ड (गतिशक्ति) के संयुक्त निदेशक अभिषेक जगवात द्वारा शुक्रवार को जारी अधिसूचना के तहत रेल लाइन के सिविल कार्य के लिए कुल 875.30 करोड़ रुपये, सिग्नल व टेलीकॉम कार्य के लिए 18.17 करोड़ और इलेक्ट्रिक्लस कार्यों के लिए 64.26 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। कुल 958.27 करोड़ खर्च होने का अनुमान है।
कई क्षेत्रों को मिलेगा इसका फायदा
इसकी सूचना गोरखपुर स्थित पूर्वोत्तर रेलवे के जनरल मैनेज को भेज दी गई है। उत्तर प्रदेश के उत्तर में स्थित महाराजगंज जिले की उत्तरी सीमा नेपाल एवं दक्षिणी सीमा गोरखपुर से मिलती है, जबकि पूर्वी सीमा पर बिहार और पश्चिमी सीमा राज्य के सिद्धार्थ नगर जिले से लगी है। नारायणी, गंडक, राप्ती, चंदन, प्यास, घोंघी और डंडा नदियों के किनारे बसे यहां के लोगों के लिए रेलवे का यह तोहफा सपना पूरा होने जैसा ही है।
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