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    लापरवाही से मौत पर पांच साल की हो सकती है सजा, कानूनों के नए संस्करण पेश कर सकती है सरकार

    By Jagran NewsEdited By: Abhinav Atrey
    Updated: Thu, 26 Oct 2023 11:23 PM (IST)

    भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले तीन विधेयकों पर विचार कर रही संसदीय समिति लापरवाही के कारण मौत का दोषी पाए जाने वालों के लिए मौजूदा दो साल के बजाय पांच साल तक की कठोर सजा की सिफारिश कर सकती है। वर्तमान कानूनी प्रविधानों को काफी उदार माना जा रहा है और इसके लिए इसकी आलोचना होती रही है।

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    संसद की स्थायी समिति सजा बढ़ाने की कर सकती है सिफारिश (फाइल फोटो)

    जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। भारतीय दंड संहिता (आइपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले तीन विधेयकों पर विचार कर रही संसदीय समिति लापरवाही के कारण मौत का दोषी पाए जाने वालों के लिए मौजूदा दो साल के बजाय पांच साल तक की कठोर सजा की सिफारिश कर सकती है।

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    वर्तमान कानूनी प्रविधानों को काफी उदार माना जा रहा है और इसके लिए इसकी आलोचना होती रही है। गृह मामलों से संबंधित स्थायी समिति द्वारा अगस्त में संसद के मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए गए तीन विधेयकों में कई बदलावों की सिफारिश किए जाने की संभावना है।

    सरकार प्रस्तावित कानूनों को वापस ले सकती है

    ऐसा विचार है कि सरकार प्रस्तावित कानूनों को वापस ले सकती है और प्रक्रियात्मक जटिलता से बचने के लिए उनके नए संस्करण पेश कर सकती है। सूत्रों ने कहा कि स्थायी समिति तीन विधेयकों को दिए गए हिंदी नामों पर ही कायम रह सकती है। समिति ने विपक्षी दलों का प्रतिनिधित्व करने वाले कुछ सदस्यों के अंग्रेजी शीर्षकों के सुझाव को खारिज कर दिया है। अपनी मसौदा रिपोर्ट को अपनाने के लिए समिति की शुक्रवार को बैठक होने वाली है।

    धारा 353 में अधिकतम दो साल की जेल की सजा का प्रविधान

    भाजपा सांसद बृजलाल की अध्यक्षता वाली समिति एक अन्य संभावित सिफारिश में लोक सेवकों को उनके कर्तव्यों के निर्वहन से रोकने के दोषी लोगों के लिए सजा में कमी की पैरवी कर सकती है। भारतीय दंड संहिता की धारा 353 में अधिकतम दो साल की जेल की सजा का प्रविधान है। समिति इसे घटाकर एक साल करने का सुझाव दे सकती है। इस कानून का इस्तेमाल अक्सर विरोध-प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ किया जाता है।

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