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    '...तो सेना PoK पर कब्जे के लिए तैयार थी', पूर्व DGMO ने पाकिस्तान से साथ तनाव को लेकर और क्या-क्या कहा?

    By Agency Edited By: Chandan Kumar
    Updated: Fri, 16 May 2025 06:30 PM (IST)

    India-Pakistan Tension सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल कुमार भट्ट ने इंटरनेट मीडिया पर कुछ युद्ध समर्थकों द्वारा व्यक्त की गई असंतोष की भी आलोचना की जो चार दिनों में संघर्ष समाप्त होने से नाखुश थे। भट्ट ने एक इंटरव्यू में कहा युद्ध अंतिम विकल्प होना चाहिए और इसे तब तक नहीं लड़ा जाना चाहिए जब तक कि भारत ने अपने रणनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर लिया हो।

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    सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल कुमार भट्ट ने कहा कि पहले की तुलना में जंग के तरीके बदल चुके हैं।

    पीटीआई, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के साथ हालिया सैन्य संघर्ष के बाद पीओजेके वापस लेने के लिए युद्ध एक विकल्प है। आज के युद्ध केवल एक क्षेत्र में नहीं, बल्कि कई मोर्चों पर लड़े जाते हैं। यह बात डोकलाम संकट का सामना करने वाले पूर्व सैन्य संचालन महानिदेशक ने कही है।

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    सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल कुमार भट्ट ने इंटरनेट मीडिया पर कुछ युद्ध समर्थकों द्वारा व्यक्त की गई असंतोष की भी आलोचना की जो चार दिनों में संघर्ष समाप्त होने से नाखुश थे।

    उनका मानना है कि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर को पुन: प्राप्त करने का एक अवसर था। भट्ट ने एक इंटरव्यू में कहा, ''युद्ध अंतिम विकल्प होना चाहिए और इसे तब तक नहीं लड़ा जाना चाहिए जब तक कि भारत ने अपने रणनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर लिया हो।''

    'पीओके के लिए तैयार थी सेना'

    उन्होंने स्पष्ट किया कि ''पीओजेके को वापस लेने के लिए युद्ध एक विकल्प होना चाहिए, जिसे एक निर्णय के तहत लिया जाए। यह इस बार की योजना नहीं थी। हां, यदि स्थिति ने हमें वहां पहुंचा दिया होता तो भारतीय सेना इसके लिए तैयार थी।''

    भट्ट ने कहा कि तीनों सेवाओं के बीच समन्वय बहुत महत्वपूर्ण है। जब उनसे पूछा गया कि हालिया संघर्ष में ड्रोन की महत्ता कितनी थी, तो उन्होंने कहा कि बिना पायलट वाले हवाई वाहनों ने युद्ध में एक नया नजरिया स्थापित किया है।

    52 उपग्रहों का समूह स्थापित करने की योजना

    अनिल कुमार भट्ट ने बताया कि ''पहले हम कहते थे कि युद्ध भूमि, समुद्र और वायु में लड़े जाते हैं। लेकिन अब दो नए क्षेत्र उभर रहे हैं-अंतरिक्ष और साइबर स्पेस।''

    भट्ट ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र भविष्य के युद्ध के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि उपग्रह खुफिया संग्रह, निगरानी और पहचान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत के पास निगरानी के लिए नौ या दस सैन्य उपग्रह हैं और 52 उपग्रहों का एक समूह स्थापित करने की योजना है।

    उन्होंने कहा, ''ये 52 उपग्रह निश्चित रूप से हमारी क्षमता को बढ़ाएंगे।'' उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ निपटने के लिए एक नई लाल रेखा खींची है, जिसमें हर आतंकवादी हमले पर मजबूत प्रतिक्रिया की चेतावनी दी गई है।

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