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    भारतीय मूल के गणितज्ञ अक्षय वेंकटेश को मिला 'फिल्ड्स मेडल' पुरस्कार

    By Arti YadavEdited By:
    Updated: Thu, 02 Aug 2018 10:00 AM (IST)

    गणित के क्षेत्र में फिल्ड्स मेडल को नोबेल पुरस्कार के समान माना जाता है। 36 वर्षीय वेंकटेश को यह मेडल गणित विषय में विशिष्ट योगदान के लिए दिया गया है।

    भारतीय मूल के गणितज्ञ अक्षय वेंकटेश को मिला 'फिल्ड्स मेडल' पुरस्कार

    नई दिल्ली (प्रेट्र)। मशहूर भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई गणितज्ञ अक्षय वेंकटेश सहित चार विजेताओं को गणित के विशिष्ट फिल्ड्स मेडल से सम्मानित किया गया है। गणित के क्षेत्र में इसे नोबेल पुरस्कार के समान माना जाता है। 36 वर्षीय वेंकटेश को यह मेडल गणित विषय में विशिष्ट योगदान के लिए दिया गया है।

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    वेंकटेश के अलावा कैंब्रिज विश्वविद्यालय में इरानी-कुर्द मूल के प्रोफेसर कौचर बिरकर, बॉन विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले जर्मनी के पीटर स्कूल्ज और ईटीएच ज्यूरिख में इतालवी गणितज्ञ एलिसो फिगेली को मेडल से सम्मानित किया गया है। प्रत्येक विजेता को 15,000 कनाडाई डॉलर का नकद पुरस्कार भी दिया गया है।

    जानिए क्या है फिल्ड्स मेडल

    बता दें कि विशिष्ट फिल्ड्स मेडल चार साल में एक बार दिया जाता है। ये मेडल 40 साल से कम उम्र के सबसे उदीयमान गणितज्ञ को दिया जाता है। हर बार कम से कम दो और विशेषत: चार लोगों को पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।

    दिल्ली में हुआ था अक्षय वेंकटेश का जन्म

    गौरतलब है कि अक्षय वेंकटेश का जन्म नई दिल्ली में हुआ था। वे स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में शिक्षक हैं। जब वह दो साल के थे तब उनके माता-पिता ऑस्ट्रेलिया चले गए थे। वेंकटेश बचपन से ही प्रतिभाशाली थे। उन्होंने उच्च विद्यालय में प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं भौतिकी और गणित ओलंपियाड्स में भाग लिया था और 11 व 12 वर्ष की आयु में दो विषयों में पदक जीते थे। उन्होंने उन्होंने 13 वर्ष की उम्र में हाई स्कूल समाप्त किया और 16 साल की उम्र में, 1997 में गणित में प्रथम श्रेणी में अपना ग्रेजुएशन किया। केवल 20 साल उम्र में ही उन्होंने पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर ली।

    वेंकटेश ने संख्या सिद्धांत, अंकगणितीय ज्यामिति, टोपोलॉजी, ऑटोमोर्फिक रूपों और एर्गोडिक सिद्धांत में उच्चतम स्तर पर काम किया है। उनके शोध को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें ओस्ट्रोस्की पुरस्कार, इंफोसिस पुरस्कार, सलेम पुरस्कार और शास्त्र रामानुजन पुरस्कार शामिल हैं।