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समुद्र की सुरक्षा बरकरार रखने में काफी सफल रही नौसेना, राष्ट्रपति कोविन्द ने की सराहना

बंगाल की खाड़ी में विशाखापत्तनम तट पर प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू-2022 के दौरान नौसेना बेड़े को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा कि जहाजों विमानों और पनडुब्बियों की उत्कृष्ट परेड ने राष्ट्र की समुद्री सेवाओं की पेशेवर क्षमता और दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित किया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 22 Feb 2022 02:47 AM (IST)Updated: Tue, 22 Feb 2022 02:47 AM (IST)
समुद्र की सुरक्षा बरकरार रखने में काफी सफल रही नौसेना : कोविन्द

विशाखापत्तनम, प्रेट्र। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द (President Ram Nath Kovind) ने सोमवार को कहा कि भारतीय नौसेना (Indian Navy) के निरंतर निगरानी, घटनाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया और अथक प्रयास समुद्र की सुरक्षा को बनाए रखने में काफी सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत महासागरों के सतत उपयोग के लिए सहयोगात्मक उपायों पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास में विश्वास करता है।

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समुद्रों की सुरक्षा अहम- राष्ट्रपति  

बंगाल की खाड़ी में विशाखापत्तनम तट पर 'प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू-2022' के दौरान नौसेना बेड़े को संबोधित करते हुए कोविन्द ने कहा कि जहाजों, विमानों और पनडुब्बियों की उत्कृष्ट परेड ने राष्ट्र की समुद्री सेवाओं की पेशेवर क्षमता और दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित किया है। उन्होंने कहा, 'वैश्विक व्यापार की व्यापक गतिविधियां हिंद महासागर क्षेत्र से होकर गुजरती हैं। हमारे व्यापार और ऊर्जा जरूरतों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा महासागरों के माध्यम से पूरा किया जाता है। इसलिए समुद्रों की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण आवश्यकता बनी हुई है।'

राष्ट्रपति ने की नौसेना की सराहना, बताया आत्मनिर्भर

राष्ट्रपति ने कहा, 'मुझे आज भारतीय नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों, विमानों और हमारी समुद्री शक्ति के अन्य घटकों की तैयारी की समीक्षा करने में खुशी हो रही है। भारतीय नौसेना तेजी से आत्मनिर्भर हो रही है और मेक इन इंडिया पहल में सबसे आगे रही है।' उन्होंने कहा कि देशभर के विभिन्न सार्वजनिक और निजी पोत कारखानों में निर्माणाधीन कई युद्धपोतों और पनडुब्बियों की लगभग 70 प्रतिशत सामग्री स्वदेशी थी। कोविन्द ने कहा, 'यह बहुत गर्व की बात है कि भारत ने परमाणु पनडुब्बियों का निर्माण किया है और जल्द ही स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत विक्रांत सेवा में शामिल हो जाएगा। स्वदेशी नौसैनिक जहाज निर्माण क्षमताओं का विकास आत्मनिर्भर भारत बनाने में एक प्रभावशाली योगदान है।'


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