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    'रूस अपनी सेना में भारतीयों की भर्ती बंद करे' विदेश मंत्रालय का सख्त संदेश; पीएम मोदी ने पुतिन के समक्ष भी उठाया था मुद्दा

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 08:52 PM (IST)

    रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी सेना में भारतीयों की भर्ती की खबरों के बाद विदेश मंत्रालय ने भारतीयों को सतर्क रहने की सलाह दी है। मंत्रालय ने रूसी सेना में शामिल होने के प्रस्तावों से दूर रहने को कहा है इसे खतरों से भरा बताया है। सरकार ने रूसी अधिकारियों के समक्ष इस मुद्दे को उठाया है और भर्ती प्रक्रिया को समाप्त करने की मांग की है।

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    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल। (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती की नई खबरें आई हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान जारी किया। उसने रूसी सेना में शामिल होने के प्रस्तावों को लेकर भारतीयों को सतर्क रहने को कहा है।

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    मंत्रालय ने सभी भारतीयों को रूसी सेना में शामिल होने के किसी भी प्रस्ताव से दूर रहने की सलाह देते हुए इसे खतरों से भरा रास्ता करार दिया। मंत्रालय का यह बयान बताता है कि रूस की सेना में भारतीयों को शामिल करने वाली एजेंसियां किसी न किसी तरह से सक्रिय हैं।

    विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

    यह स्थिति तब है, जब इस बारे में भारत लंबे समय से रूस से बात कर रहा है। पिछले वर्ष पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने रूस दौरे पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समक्ष भी इसे उठाया था। साथ ही पिछले एक वर्ष में कई बार इस बारे में चेतावनी जारी की है।

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा है कि हमने रूसी सेना में हाल ही में भारतीय नागरिकों की भर्ती की रिपोर्ट देखी है। सरकार ने पिछले एक वर्ष में कई अवसरों पर इस कार्रवाई में निहित जोखिमों और खतरों के बारे में बताया है और भारतीय नागरिकों को इससे सतर्क भी किया है। भारत ने दिल्ली और मास्को में रूसी अधिकारियों के समक्ष इस मुद्दे को उठाया है। इस तरह की भर्ती प्रक्रिया को समाप्त करने और प्रभावित भारतीयों की रिहाई की मांग की है। मंत्रालय प्रभावित परिवारों के संपर्क में भी है।

    संसद में भी उठ चुका है मुद्दा

    वैसे यह मुद्दा पहले भी कई बार संसद में उठ चुका है। जुलाई 2025 में राज्यसभा को विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया था कि 127 भारतीय नागरिकों के रूसी सेना में सेवा देने की सूचना मिली थी। भारत और रूस के बीच उच्च स्तरीय बातचीत के बाद 98 भारतीयों की सेवा समाप्त कर दी गई। कम से कम 15 भारतीय लोगों के तब यूक्रेन के युद्ध क्षेत्र में फंसने की भी जानकारी दी गई थी। यह बात भी सामने आई थी कि इन भारतीयों को रूस की तरफ से यूक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

    गौरतलब है कि पिछले एक वर्ष में कुछ भारतीयों के रूस-यूक्रेन युद्ध में मारे जाने की सूचना भी मिली है। जो भारतीय रूस में फंसे हुए हैं, उनके स्वजन की तरफ से पहले बताया गया है कि एजेंटों की तरफ से गलत सूचना के आधार पर उन्हें वहां ले जाया गया और युद्ध में शामिल होने के लिए दबाव बनाया गया।

    रूसी दूतावास ने क्या कहा?

    भारत की तरफ से इस मुद्दे को उठाने के बाद नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास ने बताया कि वह अपनी सेना में भारतीयों की कोई भर्ती नहीं करेगा। यहां तक कहा गया कि रूस को युद्ध के लिए भारतीयों की जरूरत नहीं है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट बताती है कि अभी भी कुछ भारतीयों को वहां ले जाया गया है।

    पिछले साल जब जुलाई, 2024 में पीएम मोदी ने मास्को में पुतिन के समक्ष इस मुद्दे को उठाया तो उसके ठीक बाद भारत में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मानव तस्करी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई की थी। उन एजेंटों को पकड़ा गया था जो देश के कई हिस्सों से भारतीयों को नौकरी देने के लालच में रूस ले जा रहे थे।

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