Move to Jagran APP

भारत ने की पेरिस हमले की निंदा और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील

देशभर में पेरिस में हुए आतंकी हमले की निंदा की जा रही है। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने पेरिस हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की वीभत्स घटना की कोई औचित्य नहीं है और हमले में पीड़ित हुए लोगों के प्रति उनकी गहरी संवेदना है।

By Test3 Test3Edited By: Published: Sat, 14 Nov 2015 11:11 AM (IST)Updated: Sat, 14 Nov 2015 01:54 PM (IST)
भारत ने की पेरिस हमले की निंदा और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील

नई दिल्ली। देशभर में पेरिस में हुए आतंकी हमले की निंदा की जा रही है। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने पेरिस हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की विभत्स घटना का कोई औचित्य नहीं है और हमले में मारे गए और घायल हुए लोगों के प्रति उनकी गहरी संवेदना है। वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पेरिस हमले को बहुत ही दुखद घटना बताते हुए कहा कि इस तरह की घटना की निंदा करने के लिए शब्द नहीं हैं जिसमें निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया हो।

loksabha election banner

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हमले की निंदा करते हुए कहा है कि यह एकजुट होकर आंतक के खिलाफ लड़ाई का है। गृहराज्य मंत्री किरन रिजीजू ने भी पेरिस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि पूरे विश्व को एक साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी पेरिस में हुए आतंकी घटना की निंदा करते हुए कहा इस तरह की हिंसा को किसी भी प्रकार सही नहीं ठहराया जा सकता है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पेरिस में हुए श्रृंखलाबद्ध हमलों की निंदा करते हुए कहा कि आतंकवाद कभी स्वतंत्रता को परास्त नहीं कर सकता बल्कि इससे ‘‘विवेकहीन हिंसा’’ के खिलाफ लड़ने का संकल्प और अधिक मजबूत होगा।

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि निर्दोष लोगों को मारने वालों के खिलाफ सभी देशों को एकसाथ खड़े होने की जरूरत है। कांग्रेसी नेता अहमद पटेल ने भी पेरिस हमले की निंदा करते हुए कहा कि बिना शांति के विकास करना मुमकिन नहीं है। सभी देशों को खिलाफ सतर्क रहना चाहिए और आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़नी चाहिए।

कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर ने भी पेरिस हमले को निंदनीय बताते हुए कहा कि पश्चिमी देशों को भी इस्लाम विरोधी सोच को बदलना चाहिए। अय्यर ने कहा कि पश्चिमी देशों कोे विचार करना चाहिए कि धार्मिक आतंकवाद आखिर क्यों बढ़ रहा है?

मुंबई पुलिस के पूर्व कमीश्नर सत्यपाल सिंह ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस मामले को सुलझाने के लिए सभी देशों को साथ आना चाहिए जबतक हम इस समस्या का सामना नहीं करेंगे तबतक ये समस्या खत्म नहीं होगी। सिंह ने ये भी कहा कि इस्लाम के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे लोगों पर जबतक रोक नहीं लगाई जाएगी तबतक ऐसी घटनाएं नहीं रूकेगी। इस तरह की घटना के पीछे के कारणों का पता लगाने की कोशिश करनी चाहिए।

पढ़ेंः पेरिस आंतकी हमले में 158 लोगों की मौत, बाल-बाल बचे फ्रांस के राष्ट्रपति

रक्षा मामलों के विशेषज्ञ कमल मित्रा ने कहा कि जबसे पश्चिमी देशों ने अमेरिका के नेतृत्व में आईएसआईएस के खिलाफ मोर्चा खोला है तबसे इस तरह की घटनाएं बढ़ गई है। मित्रा ने कहा कि मुस्लिम समाज के लोगों को जागरूक करने की कोई पहल नहीं की जा रही है जिससे धर्म को लेकर दी जा रही गलत शिक्षा को रोका जा सके। मित्रा ने पश्चिमी देशों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो आईएसआईएस से लड़ने के लिए जमीन पर सेना को उतारने के लिए तैयार नहीं है और आईएसआईएस इसी बात का फायदा उठा रहा है।

पढ़ेंः जानिए पेरिस आतंकी हमलों और मुंबई में हुए आतंकी हमले में क्या हैं समानताएं

रक्षा विशेषज्ञ वाई पी सिंह ने कहा कि जब तक आईएसआईएस का ध्यान पश्चिमी देशों की तरफ है तबतक भारत को खतरा नहीं है लेकिन भारत को अपना खूफिया तंत्र मजबूत करने की आवश्यक्ता है क्योंकि आईएसआईएस अफ्गानिस्तान तक पहुंच चुका है और वो कश्मीर से होते हुए भारत में घुस सकता है।

रक्षा विशेषज्ञ कमर आगा ने पेरिस हमले की तुलना 2008 में हुए मुंबई हमले से करते हुए कहा कि यहां भी आतंकियों ने कई जगहों पर जाकर नरसंघार किया गया था ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.