Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारतीय परिवारों का गैर-खाद्य वस्तुओं पर मासिक खर्च बढ़ा, यहां ज्यादा पैसा खर्च कर रहे लोग

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 12:20 AM (IST)

    प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) ने एक वर्किंग पेपर में कहा है कि भारतीय परिवार अपने मासिक खर्च का बड़ा हिस्सा गैर-खाद्य वस्तुओंपर खर्च कर रहे हैं। यह पैसा उपभोक्ता वस्तुओं व सेवाओं और टिकाऊ सामान (कंज्यूमरड्यूरेबल्स) पर खर्च हो रहा है। 

    Hero Image

    भारतीय परिवारों का गैर-खाद्य वस्तुओं पर मासिक खर्च बढ़ा (सांकेतिक तस्वीर)

    पीटीआई, नई दिल्लीप्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) ने एक वर्किंग पेपर में कहा है कि भारतीय परिवार अपने मासिक खर्च का बड़ा हिस्सा गैर-खाद्य वस्तुओं पर खर्च कर रहे हैं। यह पैसा उपभोक्ता वस्तुओं व सेवाओं और टिकाऊ सामान (कंज्यूमर ड्यूरेबल्स) पर खर्च हो रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    2011-12 और 2023-24 के घरेलू उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण के आंकड़ों पर आधारित इस वर्किंग पेपर में कहा गया है कि कंज्यूमर ड्यूरेबल्स पर प्रति व्यक्ति मासिक खर्च (एमपीसीई) का हिस्सा ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बढ़ा है।

    इसमें कई राज्यों में ग्रामीण हिस्से ने शहरी परिवारों को को थोड़ा पीछे छोड़ दिया है। इसके अलावा वास्तविक मूल्य के लिहाज से सभी राज्यों और क्षेत्रों में खर्च बढ़ा है। इसमें शहरी परिवारों में अधिक वास्तविक खर्च देखा गया है।

    वर्किंग पेपर में कहा गया है कि मोबाइल फोन का स्वामित्व हर जगह बढ़ा है। मोबाइल के लिए लगभग सार्वभौमिक पहुंच है, जो लगभग पूरी जनसंख्या के लिए बेहतर आपसी संबंध और संचार की पहुंच को दर्शाता है।

    सस्ती और तेज नेटवर्क कनेक्टिविटी के कारण मोबाइल जानकारी, मनोरंजन और संचार के लिए पसंदीदा उपकरण के रूप में उभर रहे हैं। लैपटाप-पीसी की वृद्धि धीमी बनी हुई है और यह कुछ परिवारों में केंद्रित है।

    कई राज्यों में टीवी के स्वामित्व में गिरावट आई है और सार्वभौमिक मोबाइल पहुंच इसका मजबूत कारण है। टिकाऊ सामान (जैसे परिवहन उपकरण और घरेलू उपकरण) पर खर्च आर्थिक कल्याण और परिवारों के जीवन स्तर का एक उपयोगी संकेतक है। टिकाऊ सामानों का इस्तेमाल परिवारों को भविष्य में होने वाले फायदे को भी दिखाता है।