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    भारत ने बढ़ाया LTTE पर लगा बैन, कहा- भारतीयों के लिए बना हुआ है गंभीर खतरा

    By Mohit PareekEdited By:
    Updated: Tue, 14 May 2019 10:47 AM (IST)

    Ban on LTTE भारत सरकार ने लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) पर लगे बैन को जारी रखने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है।

    भारत ने बढ़ाया LTTE पर लगा बैन, कहा- भारतीयों के लिए बना हुआ है गंभीर खतरा

    नई दिल्ली, जेएनएन। भारत सरकार ने लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) पर लगे प्रतिबंध को जारी रखा है। सरकार ने एक नई अधिसूचना जारी करते हुए लिट्टे पर लगे बैन को आगे बढ़ा दिया है। सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है, क्योंकि लिट्टे अभी भी भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त है और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। बता दें कि भारत हर दो साल के लिए लिट्टे पर प्रतिबंध लगाता है और दो साल बाद उसे बढ़ा दिया जाता है।

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    भारत ने सबसे पहले 27 साल पहले 1992 में भी 14 मई को ही लिट्टे पर प्रतिबंध लगाया गया था। उसके बाद से इस प्रतिबंध को बढ़ा दिया जाता है। भारत ने गैरकानूनी गतिविधियों संबंधी अधिनियम के तहत 14 मई 1992 को पड़ोसी देश श्रीलंका के विद्रोही संगठन लिट्टे पर प्रतिबंध लगाया था। वहीं इससे पहले ही यूरोपीय संघ, कनाडा और अमेरिका में भी इस संगठन पर प्रतिबंध था। तमिल विद्रोहियों द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या किए जाने के बाद वर्ष 1992 में इस संगठन पर गैर कानूनी गतिविधि (निरोधक)अधिनियम के तहत प्रतिबंध लगा दिया गया था।

    बता दें कि भारत कई बार श्रीलंका में जाकर लिट्टे से मुकाबला कर चुका है। श्रीलंका सरकार के विरुद्ध लिट्टे के संघर्ष के दौरान शांति बहाली के लिए द्वीपीय देश गई भारतीय सेना को वहां बल प्रयोग करना पड़ा था। सेना ने ही श्रीलंका में लिट्टे प्रमुख वेलुपिल्लई प्रभाकरन और उसके सभी प्रमुख सहयोगियों को ढेर कर तमिल विद्रोही संगठन का सफाया कर दिया था। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 1987 में भारतीय शांति सेना उत्तरी श्रीलंका में शांति स्थापित करने के उद्देश्य से वहां गई लेकिन वहां एलटीटीई के साथ युद्ध में उसके करीब 1,200 जवान मारे गए थे।

    श्रीलंका में भी कई घटनाओं को दे चुका है अंजाम
    लिट्टे ने श्रीलंका में भी कई आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया था। आखिरी सबसे बड़ी घटना साल 2006 में हुई थी। LTTE के इस कायराना हरकत को 'दिगमपटाया' नरसंहार के नाम से जाना जाता है। LTTE से जुड़े उग्रवादियों ने श्रीलंकाई सेना को निशाना बनाकर एक ट्रक को सेना की 15 गाड़ियों के काफिले में घुसा दिया था। इस घटना में 120 नाविकों की मौत हुई थी।

    क्या है लिट्टे?
    एक अलगाववादी संगठन है, जो औपचारिक रूप से उत्तरी श्रीलंका में सक्रिय है। मई 1976 में स्थापित यह एक हिंसक पृथकतावादी अभियान शुरू कर के उत्तर और पूर्वी श्रीलंका में एक स्वतंत्र तमिल राज्य की स्थापना करना चाहते थे। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में भी लिट्टे का ही हाथ था।  

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