SCO Meeting: गलवन की घटना के पांच साल बाद चीन जाएंगे भारतीय विदेश मंत्री, पाकिस्तान को दिखा सकते हैं आईना
विदेश मंत्री एस जयशंकर अगले सप्ताह तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए चीन की यात्रा करेंगे। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 2020 के सैन्य गतिरोध व गलवन की घटना के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों के तनावपूर्ण होने के बाद जयशंकर की यह पहली चीन यात्रा होगी।

पीटीआई, बीजिंग। विदेश मंत्री एस जयशंकर अगले सप्ताह तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए चीन की यात्रा करेंगे।
एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे जयशंकर
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 2020 के सैन्य गतिरोध व गलवन की घटना के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों के तनावपूर्ण होने के बाद जयशंकर की यह पहली चीन यात्रा होगी।
विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक 15 जुलाई को होगी
गलवन की घटना में भारतीय सेना के 20 जवानों ने वीरगति पाई थी। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि एससीओ के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक 15 जुलाई को तियानजिन में होगी।
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और विदेश मंत्री वांग यी के निमंत्रण पर एससीओ के अन्य सदस्य देशों के विदेश मंत्री और संगठन के स्थायी निकायों के प्रमुख बैठक में भाग लेंगे।
एससीओ में 10 सदस्य देश
इसमें कहा गया है कि मंत्री विभिन्न क्षेत्रों में एससीओ सहयोग और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। एससीओ में 10 सदस्य देश चीन, रूस, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और बेलारूस शामिल हैं।
पिछले दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व डोभाल भी कर चुके हैं चीन की यात्रा
दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने की प्रक्रिया, ऑटोमोबाइल सहित कई उत्पादों के निर्माण के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण धातुओं पर चीन द्वारा रोक सहित कई मुद्दों पर बातचीत होने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है हाल के दिनों में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल चीन की यात्रा कर चुके हैं।
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