राष्ट्रीय एकता दिवस पर गुजरात में होगी खास परेड, पहली बार भारतीय नस्ल के श्वान की टुकड़ी करेगी मार्च
राष्ट्रीय एकता दिवस पर इस बार भारतीय नस्ल के श्वान परेड में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने 2018 में देशी नस्ल के स्वानों को सुरक्षा बलों में शामिल करने पर जोर दिया था। इसके बाद रामपुर और मुधोल नस्ल के स्वानों को प्रशिक्षित किया गया। बीएसएफ, आइटीबीपी और एसएसबी भी इन स्वानों को प्रशिक्षित कर रही हैं।

राष्ट्रीय एकता दिवस पर गुजरात में होगी खास परेड (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रीय एकता दिवस पर आयोजित होने वाली परेड में पहली बार सिर्फ भारतीय नस्लों के श्वान की टुकड़ी मार्च करेगी। आठ साल पहले 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय नस्ल के स्वानों को सुरक्षा बलों में प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया था।
उसके बाद देशी स्वान की दो नस्लों को प्रशिक्षित करने का काम शुरू हुआ और 150 से अधिक देशी स्वानों को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया जा चुका है, जिनमें माओवाद विरोधी अभियान भी शामिल हैं। देश के पहले गृहमंत्री बल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर 31 अक्टूबर को हर राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
प्रधानमंत्री ने दी प्रेरणा
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में केवल भारतीय नस्ल के स्वानों की एक मार्चिंग टुकड़ी बीएसएफ का प्रतिनिधित्व करेगी। इस अवसर ये स्वान अपने सामारिक कुशलताओं और परिचालन क्षमता का प्रदर्शन भी करेंगे। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारतीय स्वान राष्ट्र सेवा में अग्रिम पंक्ति में हैं।
उनके अनुसार प्रधानमंत्री की प्रेरणा के बाद 2020 से देशी नस्ल के स्वानों की खोज शुरु हुई और रामपुर और मुधोल नस्ल के शिकारी श्वानों को इसके लिए चुना गया। इन्हें रामपुर हाउंड और मुधोल हाउंड नाम दिया गया। इसके पहले देशी नस्ल के स्वानों को सुरक्षो में शामिल करने की अनुमति नहीं थी।
बीएसएफ के अलावा आइटीबीपी और एसएसबी भी इन देशी नस्ल के स्वानों को प्रशिक्षित कर रही है। बीएसएफ की रिया नाम की मुधोल हाउंड 2024 में अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट में सर्वश्रेष्ठ ट्रैकर ट्रेड स्वान और डाग आफ द मीट का खिताब जीत चुकी है।इसके साथ ही कश्मीर जैसे ठंडे इलाकों के लिए बीएसएफ ने वहां की देशी नस्ल के बकरवाल स्वानों की ट्रेनिंग शुरू की है।

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