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    आतंक के समर्थक देशों का बायकॉट... अमेरिका, सऊदी समेत इन 33 देशों में जाएगा भारतीय डेलीगेशन

    Updated: Tue, 20 May 2025 02:07 PM (IST)

    भारतीय सांसदों का एक दल अगले कुछ दिनों में 33 देशों का दौरा करेगा। इसका उद्देश्य पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देना है साथ ही पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को उजागर करना है। टीम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों पर विशेष ध्यान देगी लेकिन चीन और तुर्की जैसे देशों का दौरा नहीं करेगी।

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    सात हिस्सों में बंटी टीम का दौरा 23 मई से शुरू होगा (फाइल फोटो)

    जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। भारतीय सांसदों की टीम अगले कुछ दिनों तक दुनिया के कोने-कोने में बसे 33 देशों का दौरा करेगी और वहां के सांसदों, सरकार के प्रतिनिधियों, मीडिया, थिंक टैंकों व आम जनों से मिल कर ना सिर्फ पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर के बारे में उन्हें जानकारी देगी बल्कि पाकिस्तान के आतंकी चेहरे का भी पर्दाफाश करेगी।

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    इस टीम में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के अलावा विदेश मंत्रालय के कुछ पुराने व अनुभवी राजनयिक भी हैं। सात हिस्सों में बंटी इस टीम का दौरा 23 मई से शुरू होगा और तीन जून, 2025 को समाप्त होगा। टीम कहां-कहां जाएगी, इसका फैसला करने के समय इस बात का ख्याल रखा गया है कि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की मदद करने वाले किसी भी देश का दौरा नहीं किया जाए। यानी भारतीय टीम तुर्की, चीन, अजरबैजान नहीं जा रही।

    यूएनएससी के सदस्य देशों पर फोकस

    विदेश मंत्रालय की तरफ से जो जानकारी दी गई है उससे यह भी पता चलता है कि उन देशों को खास तौर पर तवज्जो दी गई है जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्य हैं। देखा जाए तो यूएनएससी के पांच स्थाई सदस्यों में से चीन को छोड़ कर अन्य चारों देश अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस का दौरा भारतीय प्रतिनिधिमंडल करेगा।

    इसी तरह से 10 अस्थाई सदस्यों में से पाकिस्तान और सोमालिया को छोड़ कर मौजूदा अन्य आठ अस्थाई सदस्य देश अल्जीरिया, डेनमार्क, दक्षिण कोरिया, सिऐरा लियोन, गुयाना, पनामा, सोल्वेनिया और ग्रीस की यात्रा पर भारतीय टीम जाएगी।

    तुर्की व चीन से किया किनारा

    • सनद रहे कि पहलगाम हमले के बाद भी पीएम नरेन्द्र मोदी ने चीन के अलावा यूएनएससी के अन्य स्थाई सदस्यों के प्रमुखों से टेलीफोन पर बात की थी। जबकि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 10 अस्थाई सदस्यों में पाकिस्तान को छोड़ कर अन्य नौ सदस्यों के विदेश मंत्रियों के साथ विमर्श किया था। इन सभी को भारत में सीमा पर आतंकवाद को बढ़ावा देने को लेकर पाक के समर्थन में चल रही गतिविधियों के बारे में बताया गया था।
    • विदेश मंत्रालय मानता है कि जिस तरह से तुर्की व चीन ने पूरे मामले में भारत के विचारों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है, उसे देखते हुए इन्हें अपने पक्ष के बारे में अब जानकारी देने का कोई मतलब नहीं है। बहरहाल, भारतीय दल इस्लामिक देशों के संगठन (ओआईसी ) के कई सदस्य देशों की यात्रा करने वाला है।
    • इनमें कुवैत, बहरीन, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, मलयेशिया, यूएई, कतर, मिस्र हैं। इनमें से कई देशों के साथ भारत के बेहद पारंपरिक रिश्ते है। जब पहलगाम हमला हुआ था तब पीएम मोदी सऊदी अरब की यात्रा पर थे। सउदी अरब पाकिस्तान का भी मित्र देश है। लेकिन तब सऊदी अरब ने ना सिर्फ इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की थी बल्कि आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को मदद की पेशकश भी की थी।

    बहरीन और कुवैत भी जाएगी टीम

    बाद में ओआईसी की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ एक बयान भी जारी हुआ था। ऐसे में भारत ओआईसी देशों को सीमा पार आतंकवाद की समस्याओं को लेकर एक बार फिर जानकारी देगा। विदेश मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक बहरीन, कुवैत, सउदी अरब और अल्जीरिया का दौरा एक दल करेगा।

    दूसरा दल फ्रांस, इटली, डेनमार्क, ब्रिटेन, बेल्जियम और जर्मनी का करेगा। इसी तरह से एक दल जापान, दक्षिणी कोरिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया और मलयेशिया के दौरे पर और एक अन्य दल यूएन, कांगो, सिएरा लियोन और लाइबेरिया की यात्रा पर होगा। गुयाना, पनामा, कोलंबिया, ब्राजील और यूएई पर एक अन्य दल को और रूस, स्लोवेनिया, ग्रीस, लाटविया और स्पेन की यात्रा पर और कतर, दक्षिण अफ्रीका, इथियोपिया और मिस्र की यात्रा पर दो अलग अलग टीमें जाएंगी।

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