'Ex Spy के खिलाफ हो कानूनी कार्रवाई', पन्नू की हत्या की साजिश के मामले में कमेटी ने केंद्र को दी सीक्रेट रिपोर्ट
Gurpatwant Singh Pannu खालिस्तानी आतंकी पन्नून की हत्या की साजिश पर अमेरिकी आरोप के बाद गठित भारत सरकार की उच्च अधिकार प्राप्त जांच समिति ने रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में सरकार से उक्त साजिश में शामिल व्यक्ति के खिलाफ कदम उठाने की सिफारिश। साथ ही ऐसे तत्वों को सुरक्षा एजेंसियों में प्रवेश से रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए भी कहा।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिकी नागरिक व खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नु की हत्या की साजिश रचने की जांच करने के लिए भारत सरकार की तरफ से गठित उच्चस्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। समिति ने पुराने आपराधिक संबंध एक व्यक्ति की पहचान की है और उसके खिलाफ कदम उठाने की सिफारिश की है।
2023 में हुआ समिति का गठन
- साथ ही केंद्र सरकार को कहा है कि वह ऐसे कदम उठाए ताकि भविष्य में इस तरह के मामले सामने नहीं आए और अगर आये तो उस पर सही तरीके से समन्वित कार्रवाई की जाए।
- जांच रिपोर्ट अमेरिकी एजेंसियों की मदद से तैयार की गई है। अमेरिकी सरकार की तरफ से जुलाई में इस मुद्दे को उठाने के बाद गृह मंत्रालय ने नवंबर 2023 उक्त समिति का गठन किया था।
- इस मामले में विकास यादव नाम से एक व्यक्ति के खिलाफ पहले से ही कार्रवाई हो रही है। यादव भारतीय सुरक्षा एजेंसी में कार्यरत था जिसे निलंबित किया जा चुका है।
पन्नु की हत्या की साजिश रची
माना जाता है कि उक्त व्यक्ति ने ही आपराधिक तत्वों के साथ मिल कर पन्नु की हत्या की साजिश रची थी। पन्नु की हत्या की साजिश को लेकर अमेरिका ने भारत सरकार की एजेंसियों पर आरोप लगाये थे। इसकी वजह से भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते काफी असहज हो गये थे। अमेरिका ने उक्त आरोप कनाडा की तरफ से भारतीय एजेंसियों पर एक अन्य खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कराने के आरोप के बाद लगाये थे।
20 जनवरी को बाइडन प्रशासन की विदाई
निज्जर हत्याकांड को लेकर भारत और कनाडा के रिश्ते काफी खराब हो चुके हैं। दोनों देश एक दूसरे के उच्चायुक्तों को निकाल चुके हैं। भारत कनाडा के आरोपों से लगातार इनकार करता रहा है लेकिन अमेरिकी आरोप पर उसने एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया था। समिति की रिपोर्ट तब आई है जब कुछ ही दिनों बाद बाइडन प्रशासन की विदाई (20 जनवरी) होने वाली है।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा?
सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, 'अमेरिकी अधिकारियों की तरफ से इस सूचना के प्राप्त होने के बाद कि कुछ गैरकानूनी संगठनों, आतंकी संगठनों और मादक द्रव्यों के कारोबारियों की मिली भगत से भारत व अमेरिका के सुरक्षा हितों को चुनौती पैदा हो रही है, भारत सरकार ने नवंबर 2023 में एक समिति का गठन किया था। अमेरिकी पक्ष से मिले लीड के आधार पर भारतीय टीम ने अपनी जांच की। इसमें अमेरिकी अधिकारियों ने पूरा सहयोग दिया। दोनों तरफ की एजेंसियों ने एक दूसरे देश की यात्रा की। समिति ने दूसरी एजेंसियों के अधिकारियों से पूछताछ की और जो भी कागजात उपलब्ध कराये गये थे, उसकी पड़ताल की। लंबी जांच के बाद समिति ने अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंप दी है और संबंधित व्यक्ति, जिसके पहले से आपराधिक लिंक है के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की है। समिति ने कहा है कि संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शीघ्रता से पूरी की जानी चाहिए। समिति ने आगे सिस्टम में सुधार के लिए भी अनुशंसा की है ताकि इस तरह के मामलों में भारत में व्यवस्था पर नियंत्रण स्थापित हो सके व त्वरित कार्रवाई की जा सके।'
पहले से चल रही जांच
इस संदर्भ में बताते चलें कि अमेरिका की एफबीआई ने भारत की खुफिया एजेंसी रॉ में कार्यरत विकास यादव नाम के एक अधिकारी के खिलाफ मामला दायर किया हुआ है। माना जा रहा है कि समिति ने जिस संबंधित व्यक्ति की बात की है, वह विकास यादव ही है। दिल्ली पुलिस की विशेष प्रकोष्ठ ने यादव के खिलाफ मामला दायर करते हुए उसे गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ हत्या की साजिश रचने और अगवा करने का भी मामला दर्ज है।
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