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    बांग्लादेश में चार देशों के सैन्य अभ्यास में भाग लेगी भारतीय सेना, जानें क्‍यों खास है यह युद्धाभ्‍यास

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Thu, 01 Apr 2021 10:43 PM (IST)

    भारतीय सेना बांग्लादेश में चार देशों के सैन्य अभ्यास में भाग लेगी। चार से 12 अप्रैल के बीच आयोजित हो रहे इस सैन्‍य अभ्‍यास का नाम शांतिर अग्रसेना 2021 (Shantir Ogroshena 2021) रखा गया है। जानें क्‍यों खास है यह युद्धाभ्‍यास...

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    रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय सेना बांग्लादेश में चार देशों के सैन्य अभ्यास में भाग लेगी।

    नई दिल्‍ली, एजेंसियां। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय सेना बांग्लादेश में चार देशों के सैन्य अभ्यास में भाग लेगी। चार से 12 अप्रैल के बीच आयोजित हो रहे इस सैन्‍य अभ्‍यास का नाम 'शांतिर अग्रसेना 2021' (Shantir Ogroshena 2021) रखा गया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि इस सैन्‍य अभ्‍यास का आयोजन बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान (Bangabandhu Sheikh Mujibur Rahman) की जन्म शताब्दी और बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के 50 साल पूरे होने के अवसर पर किया जा रहा है।

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    समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय सेना के 30 सदस्यीय दल में डोगरा रेजिमेंट के अधिकारी, जूनियर कमीशंड अधिकारी यानी जेसीओ और सैनिक शामिल होंगे। इस सैन्‍य अभ्यास में भूटान और श्रीलंका की सेनाएं भी भाग लेंगी। यही नहीं रक्षा मंत्रालय (Indian Defence Ministry) की मानें तो इस सैन्य अभ्यास में अमेरिका, ब्रिटेन, तुर्की, सऊदी अरब, कुवैत और सिंगापुर के सैन्य पर्यवेक्षक भी शामिल होंगे।  

    मालूम हो कि बांग्लादेश में 1971 के युद्ध के 50 साल पूरा होने पर कई कार्यक्रमों का आयोजन रहा है। 16 दिसंबर 1971 को भारतीय सेना और बांग्लादेश की मुक्ति वाहिनी के सामने करीब 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया था। इसके बाद बांग्लादेश के जन्म का रास्‍ता साफ हुआ था। बीते 26 और 27 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बांग्लादेश का दौरा किया था। वह बांग्‍लादेश की स्वतंत्रता के स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लेने गए थे। 

    बांग्‍लादेश की स्वतंत्रता के स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लेने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां की पीएम शेख हसीना के साथ बातचीत की थी। उन्होंने इस वार्ता में द्विपक्षीय संबंधों की पूर्ण समीक्षा की और भविष्य में आर्थिक व सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूत बनाने के रास्तों पर चर्चा की थी। दोनों नेताओं के बीच तीस्ता नदी जल बंटवारे के मुद्दे पर भी बात हुई थी। यही नहीं दोनों प्रधानमंत्रियों ने ढाका और न्यू जलपाईगुड़ी के बीच एक नई यात्री ट्रेन का भी उद्घाटन किया था।