भारतीय सेना ने पहली बार 5 महिला अधिकारियों को कर्नल रैंक पर प्रमोट किया
पहली बार सेना ने पांच महिला अधिकारियों को कर्नल रैंक (Colonel rank) पर प्रमोट किया है। गणना योग्य सेवा के 26 साल पूरे होने के अवसर पर यह फैसला किया गया है। भारतीय सेना में पहली बार महिलाओं को उपलब्धि हासिल हुई है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। पहली बार भारतीय सेना ने आज पांच महिला अधिकारियों को कर्नल रैंक (Colonel rank) पर प्रमोट किया है। गणना योग्य सेवा के 26 साल पूरे होने के अवसर पर यह फैसला किया गया है। बता दें कि यह पहली बार हुआ है जब कोर ऑफ सिग्नल, कोर के साथ सेवारत महिला अधिकारी इलेक्ट्रॉनिक और मैकेनिकल इंजीनियर्स (EME) और कोर ऑफ इंजीनियर्स को कर्नल के पद के लिए अप्रूव किया गया है।
बता दें कि पहले कर्नल के पद पर प्रमोशन केवल आर्मी मेडिकल कोर (AMC), जज एडवोकेट जनरल (JAG) और सेना शिक्षा कोर (AEC) में महिला अधिकारियों के लिए लागू थी। अब इस फैसले के बाद भारतीय सेना की ज्यादा ब्रांचों में प्रमोशन के रास्ते का विस्तार महिला अधिकारियों शुभ संकेत है। भारतीय सेना की अधिकांश शाखाओं से महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के निर्णय के साथ ही यह कदम एक जेंडर न्यूट्रल सेना के प्रति भारतीय सेना के दृष्टिकोण को दिखाता है।
चुनी गई ये पांच महिलाएं
कर्नल टाइम स्केल रैंक के लिए चुनी गई पांच महिला अधिकारियों में कोर ऑफ सिग्नल से लेफ्टिनेंट कर्नल संगीता सरदाना, ईएमई कोर से लेफ्टिनेंट कर्नल सोनिया आनंद और लेफ्टिनेंट कर्नल नवनीत दुग्गल और कोर ऑफ इंजीनियर्स से लेफ्टिनेंट कर्नल रीनू खन्ना और लेफ्टिनेंट कर्नल रिचा सागर का नाम शामिल है।
जानें -ये जरूरी जानकारी, कब बना जा सकता है कर्नल
बता दें कि वर्तमान में अभी भारतीय सेना की पिरामिड संरचना और कठोर चयन मानदंडों के कारण अधिकारियों का एक बड़ा हिस्सा कर्नल के पद के लिए कटौती करने में कामयाब नहीं होता है। यानी एक लेफ्टिनेंट कर्नल तब तक कर्नल नहीं बन सकता जब तक कि कोई वर्तमान कर्नल सेवानिवृत्त नहीं हो जाता या फिर उसे ब्रिगेडियर में प्रमोशन नहीं मिलता है। 26 साल की गणना योग्य सेवा के बाद समय-समय पर कर्नल बन जाते हैं और इसलिए वे कर्नल (TS) के रूप में अपनी रैंक लिखते हैं।