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    सेना में अब अग्निवीरों से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को देने होंगे फिजिटक टेस्ट, अप्रैल 2026 लागू होंगे नए नियम

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 12:42 AM (IST)

    भारतीय सेना में अप्रैल 2026 से अग्निवीरों से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक, सभी को शारीरिक फिटनेस परीक्षण देना अनिवार्य होगा। इस नियम का उद्देश्य सेना में सभी स्तरों पर शारीरिक दक्षता का मूल्यांकन करना है, जिससे सैनिकों और अधिकारियों के बीच फिटनेस को बढ़ावा दिया जा सके और सेना की युद्धक क्षमता में सुधार हो।

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    सेना में अब अग्निवीरों से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को देने होंगे फिजिटक टेस्ट


    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सेना में अब अग्निवीरों से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को भी 60 साल की उम्र होने तक साल में दो बार संयुक्त शारीरिक परीक्षा पास करनी होगी।

    सेना को युद्ध के लिए हर वक्त तैयार रखने और सैनिकों की चुस्ती तंदुरुस्ती सुनिश्चित करने के लिए सेना ने नए संभावित दिशानिर्देशों के साथ शारीरिक फिटनेस मानदंडों में बदलाव का फैसला लिया है। नए दिशा-निर्देश अग्निवीरों से लेकर थ्री -स्टार कमांडरों पर लागू होंगे।

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    अब तक, 50 वर्ष की आयु तक के अधिकारियों और सैनिकों को हर साल दो अलग-अलग शारीरिक परीक्षण - बैटल फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट (बीपीईटी) और फिजिकल प्रोफिशिएंसी टेस्ट (पीपीटी) पास करना होता था। वरिष्ठतम अधिकारियों को आयु के कारण छूट मिलती थी, लेकिन अब 60 साल की उम्र तक फिजिकल टेस्ट होंगे।

    सूत्रों के अनुसार सेना एक अप्रैल 2026 से इस नए नियम को लागू कर रही है। टेस्ट में 3.2 किमी दौड़, पुशअप्स, सिटअप्स और रस्सी चढ़ाई शामिल है। इन टेस्ट के ग्रेड प्रमोशन के लिए महत्वपूर्ण होंगे।

    अलग-अलग शारीरिक परीक्षणों के स्थान पर होंगे संयुक्त शारीरिक परीक्षण

    सेना में दो शारीरिक परीक्षणों के स्थान पर संयुक्त शारीरिक परीक्षण होंगे, जो अर्ध-वार्षिक अंतराल पर आयोजित किए जाएंगे। सैनिकों के लिए शारीरिक फिटनेस अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि वे सैन्य प्रशिक्षण और अभियानों की कठिनाइयों को सहन कर सकें। संयुक्त शारीरिक परीक्षणों संबंधी दस्तावेज में कहा गया है, फिट सैनिक अपनी यूनिट के लिए अधिक सक्षम, विश्वसनीय एसेट होता है, जो अंततः मिशन की सफलता में योगदान देता है।

    सभी स्तरों पर कमांडरों को भी अपने सभी कर्मचारियों के लिए आदर्श बनना चाहिए और हर समय अग्रिम मोर्चे पर टीम का नेतृत्व करने में सक्षम होना चाहिए। विभिन्न आयु समूहों के लिए बीपीईटी और पीपीटी को मिलाकर एकल-स्तरीय परीक्षा प्रणाली में परिवर्तित कर दिया गया है, जिससे संचालन में आसानी सुनिश्चित होगी इसका मतलब यह है कि दो टेस्ट की जगह अब एक टेस्ट होंगे।

    आयु समूहों के अनुसार मानक निर्धारित किए हैं

    विभिन्न आयु समूहों के लिए अपेक्षित मानक तथा रेटिंग प्रणाली निर्धारित की गई है। होरिजेंटल रोप और वर्टिकल रोप टेस्ट 35 वर्ष तक के आयु वर्ग के लिए तथा 35-45 वर्ष के आयु वर्ग के लिए होंगे, लेकिन 45 से अधिक आयु वर्ग के कर्मियों को होरिजेंटल रोप और वर्टिकल रोप टेस्ट नहीं देना पड़ेगा।

    सैनिकों की पोशाक में पुश-अप्स और सिट-अप्स टेस्ट 35 वर्ष, 35-45 वर्ष और 45-50 वर्ष तक की आयु के कर्मियों को देने होंगे। 50-55 वर्ष और 55-60 वर्ष आयु वर्ग के लिए परीक्षणों में 3.2 किलोमीटर की तेज चाल, तथा निश्चित संख्या में सिट-अप और पुश-अप शामिल हैं।

    दस्तावेज के अनुसार, जब तक संयुक्त शारीरिक परीक्षण प्रभावी नहीं हो जाते, तब तक सभी रैंकों का परीक्षण मौजूदा आदेशों के अनुसार किया जाएगा।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)