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अलगावादियों के मुंह पर भारतीय सेना का तमाचा, इफ्तार पार्टी की मेजबानी कर पेश किया उदाहरण

जम्मू -कश्मीर में भारतीय सेना ने इफ्तार पार्टी का आयोजन कर सांप्रदायिक सद्भाव एक अच्छा उदाहरण पेश किया है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Sun, 02 Jun 2019 11:25 AM (IST)Updated: Sun, 02 Jun 2019 11:25 AM (IST)
अलगावादियों के मुंह पर भारतीय सेना का तमाचा, इफ्तार पार्टी की मेजबानी कर पेश किया उदाहरण
अलगावादियों के मुंह पर भारतीय सेना का तमाचा, इफ्तार पार्टी की मेजबानी कर पेश किया उदाहरण

श्रीनगर, एएनआइ। जहां एक ओर लगातार जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी नेताओं द्वारा भारतीय सेना पर सवाल खड़े किए जाते है। वहीं,अब भारतीय सेना ने सांप्रदायिक सौहार्द्र (communal harmony) का एक अच्छा उदाहरण पेश किया है। सेना ने रमजान के पाक महीने में शनिवार को घाटी  में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया।

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मीडिया से बातचीत करते हुए इफ्तार पार्टी में शामिल होने वाले जाफीर बशीर ने कहा कि इस पावन अवसर पर जिला अधिकारी, स्थानीय नागरिक और कई प्रमुख लोगों ने धर्म की दीवार को तोड़ते हुए आर्मी हेडक्वाटर में इफ्तार के रात्री भोज के लिए इकट्ठा हुए। उन्होंने कहा कि इससे बेहद ही मजबूत संदेश जाएगा कि  देश कि सेना न केवल राज्य में कानून और व्यवस्था लागू करने के लिए है, बल्कि विभिन्न समुदायों के लोगों के बीच सद्भावना फैलाने के लिए भी है।

लोगों ने भोजन का लुत्फ उठाने से पहले प्रार्थना की। एक अन्य अतिथि मोहम्मद अब्दुला भट्ट ने भी इसी तरह की प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सेना द्वारा उठाया गया यह कदम विभिन्न समुदायों को एकजुट करने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।

उन्होंने कहा कि हम इस तरह की पहल का स्वागत करते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि इस महीने के दौरान, श्रद्धालु लगभग 30 दिनों तक कठोर उपवास करते हैं और सुबह से शाम तक भोजन या पानी का सेवन नहीं करते हैं। वे सेहरी (सुबह का भोजन) खाते हैं और दिन भर भोजन नहीं करते हैं। शाम को इफ्तार के साथ उपवास तोड़ा जाता है। ईद उल-फितर रमजान के उपवास महीने की समाप्ति का प्रतीक है। यह त्योहार इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के 10 वें महीने शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है।

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