रात में भी 500 मीटर की रेंज तक के लक्ष्यों को भेद सकेगी 'नाइट साइट'; सेना की बढ़ेगी ताकत
सरकार ने भारतीय सेना के लिए 'नाइट साइट' और सहायक उपकरणों की खरीद के लिए 659.47 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। ये 'नाइट साइट' तारों की रोशनी में भी 500 मीटर तक के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम हैं। सेना ने हल्के वजन वाली मिसाइल प्रणाली के लिए थेल्स से भी अनुबंध किया है। डीआरडीओ ने स्वदेशी लड़ाकू पैराशूट प्रणाली का सफल परीक्षण किया।

रात में भी 500 मीटर की रेंज तक के लक्ष्यों को भेद सकेगी नाइट साइट (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को भारतीय सेना के लिए 7.62 3 51 एमएम असाल्ट राइफल के लिए 'नाइट साइट' (इमेज इंटेंसिफायर) और अन्य सहायक उपकरणों की खरीद हेतु 659.47 करोड़ रुपये के अनुबंध समझौते पर हस्ताक्षर किए।
यह 'नाइट साइट' सैनिकों को एसआइजी 716 असाल्ट राइफल की लंबी प्रभावी रेंज का पूरी तरह से लाभ उठाने में सक्षम बनाएगी। रक्षा मंत्रालय ने मेसर्स एमकेयू लिमिटेड और मेसर्स मेडबिट टेक्नोलाजीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ अनुबंध समझौते पर हस्ताक्षर किए।
नाइट साइट की खासियत
मंत्रालय ने कहा कि ये 'नाइट साइट' तारों की रोशनी में भी 500 मीटर की दूरी तक के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम हैं और मौजूदा पैसिव नाइट साइट्स (पीएनएस) की तुलना में एक महत्वपूर्ण सुधार प्रदान करती हैं। इस खरीद को 51 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ (भारतीय-आइडीडीएम) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
यह खरीद रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस पहल से कल-पुर्जों के निर्माण और कच्चे माल की आपूर्ति से जुड़े सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को भी लाभ होगा।
हल्के माड्यूलर मिसाइल के लिए थेल्स से अनुबंध
भारतीय सेना की आर्मी एयर डिफेंस कोर ने हल्के वजन वाली माड्यूलर मिसाइल (एलएमएम) प्रणाली खरीदने के लिए ब्रिटेन की कंपनी थेल्स के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
एलएमएम एक हल्की, कंधों पर उठाकर ले जा सकने वाली मिसाइल प्रणाली है जिसे उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों सहित परिचालन क्षेत्रों में तैनात किया जा सकता है। यह मिसाइल लेजर बीम राइडिंग सिद्धांत पर काम करती है और यह सभी प्रकार के विमानों, हेलीकाप्टरों, यूएवी और यूसीएवी की आक्रामक गतिविधियों के विरुद्ध अत्यधिक प्रभावी है, जिसमें सभी मौसमों में छह किमी से अधिक की दूरी तक हवाई लक्ष्य भी शामिल हैं।
स्वदेशी लड़ाकू पैराशूट प्रणाली का सफल परीक्षण
रक्षा मंत्रालय बताया कि एक बड़ी उपलब्धि के रूप में डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित सैन्य लड़ाकू पैराशूट प्रणाली (एमसीपीएस) का 32,000 फीट की ऊंचाई पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। इससे स्वदेशी पैराशूट प्रणालियों को सेना में शामिल करने के रास्ते खुल गए हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल प्रदर्शन के लिए डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और उद्योग जगत को बधाई दी और इसे भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमता के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया।
उन्नत अनुसंधान पोत निर्माण का शुभारंभ
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) लिमिटेड ने बुधवार को एक उन्नत ध्वनिक अनुसंधान पोत (एआरएस) के निर्माण का शुभारंभ किया, जिसे वह डीआरडीओ की एक इकाई, नौसेना भौतिक एवं समुद्र विज्ञान प्रयोगशाला (एनपीओएल) के लिए बना रही है। जीआरएसई के बयान में कहा गया है कि 93 मीटर की कुल लंबाई और 18 मीटर की चौड़ाई वाला यह एआरएस अत्याधुनिक अनुसंधान उपकरणों से युक्त एक अत्यंत उन्नत पोत होगा।
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