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    '2024 में मारे गए आतंकियों में से 60 फीसदी पाकिस्तानी', सेना प्रमुख बोले- टेररिज्म से टूरिज्म की तरफ बढ़ रहे

    सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने सोमवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति संवेदनशील लेकिन स्थिर है। सेना दिवस से पहले एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा कि क्षेत्र में अभी भी कुछ हद तक गतिरोध है और भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच विश्वास बहाल करने के प्रयासों की जरूरत है।

    By Jagran News Edited By: Swaraj Srivastava Updated: Mon, 13 Jan 2025 12:14 PM (IST)
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    सेना प्रमुख ने कहा कि को कमांडर्स ग्राउंड हालात से निपटने के लिए ऑथराइज (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ उपेंद्र द्विवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि मेरा मिशन है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मजबूत आधार स्तम्भ के लिए भारतीय सेना को आत्मनिर्भर फ्यूचर रेडी फोर्स के रूप में तैयार करना।

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    सेना प्रमुख ने कहा कि 'मैं उत्तरी सीमा से बात शुरू करता हूं। जैसा कि आप सबको पता है कि स्थिति सेंसिटिव है, मगर स्थिर है। पूर्वी लद्दाख के डेपसांग और डेमचोक में समस्या सुलझ गई है। मैंने अपने को कमांडर्स को ग्राउंड लेवल पर हालात से निपटने के लिए ऑथराइज किया है।'

    मणिपुर पर भी बोले सेना प्रमुख

    • सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट में हालात लगातार सुधर रहे हैं। मणिपुर में सुरक्षा बलों के प्रयास और सक्रिय सरकारी कोशिश से स्थिति नियंत्रण में है। हालांकि, हिंसा की चक्रीय घटनाएं जारी हैं। हम क्षेत्र में शांति स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं।'
    • उन्होंने कहा, 'विभिन्न एनजीओ और दिग्गज लोग मेल-मिलाप को प्रभावी बनाने के लिए कम्युनिटी नेताओं तक पहुंच रहे हैं। भारत-म्यांमार सीमा पर, निगरानी बढ़ा दी गई है, जिसका उद्देश्य म्यांमार की अशांति से बचाव करना है। बॉर्डर फेंसिंग पर भी काम जारी है।'

    कश्मीर के हालात पर भी बोले

    सेना प्रमुख ने कहा कि 'जम्मू-कश्मीर में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। डीजीएमओ की सहमति के बाद से ही फरवरी 2021 से सीजफायर जारी है। लेकिन पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ की कोशिशें लगातार की जा रही हैं।'

    उन्होंने कहा, 'पिछले साल जो आतंकी मारे गए, उसमें से 60 फीसदी पाकिस्तानी मूल के थे। हाल के दिनों में उत्तरी कश्मीर और डोडा-किश्तवाड़ में आतंकी गतिविधियां बढ़ी हैं। अमरनाथ यात्रा के लिए 5 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। टेररिज्म से टूरिज्म की थीम धीरे-धीरे आकार ले रही है।'

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