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    Captain Devi Sharan: रिटायर हुए IC 814 के कैप्टन देवी शरण, कंधार ऑपरेशन के गवाह फेयरवेल पर हो गए भावुक

    Updated: Mon, 06 Jan 2025 10:34 AM (IST)

    कंधार हाईजैक के वक्त इंडियन एयरलाइंस एयरक्राफ्ट आईसी 814 के कैप्टन रहे देवी शरण 40 वर्षों की सर्विस के बाद शनिवार को रिटायर हो गए। एक बार वह कैप्टन एसपीएस सूरी और केबिन क्रू मेंबर के साथ गृह युद्ध झेल रहे लीबिया में फंस गए थे। अपने फेयरवेल के दौरान उन्होंने कहा कि जिंदगी अप्रत्याशित होती है। कैप्टन शरण ने अपना रिटायमेंट के बाद का प्लान भी बताया है।

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    कैप्टन देवी शरण ने 1985 में इंडियन एयरलाइंस जॉइन किया था (फोटो: @aneeshp)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडियन एयरलाइंस एयरक्राफ्ट आईसी 814 के कैप्टन रहे देवी शरण शनिवार को रिटायर हो गए। आईसी 814 वही एयरक्राफ्ट है, जिसे दिसंबर 1999 में कंधार ले जाकर हाईजैक कर लिया गया था।

    शनिवार को बतौर पायलट अपनी आखिरी उड़ान भरने के बाद फेयरवेल कार्यक्रम में कैप्टन देवी शरण ने कहा कि 'अब यात्री के तौर पर भी मैं हमेशा अपने आस-पास यह सुनिश्चित करूंगा कि सब कुछ सही हो और कुछ गलत न हो रहा हो। मन में हमेशा लोगों की सुरक्षा के लिए संदेह रहेगा।'

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    40 साल तक दी सेवा

    कैप्टन देवी शरण ने 1985 में इंडियन एयरलाइंस जॉइन किया था। करीब 40 वर्षों तक कंपनी में अपनी सेवाएं देने के बाद उनकी यह पारी समाप्त हुई। अपने कार्यकाल में कई बेहतरीन और डरावनी यादों के साथ 65 साल की उम्र में कैप्टन देवी शरण रिटायर हो गए।

    आईसी 814 हाईजैक ने मुझे सिखाया कि जीवन बहुत अप्रत्याशित है और व्यक्ति को हमेशा लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए। वो मेरी जिंदगी के सबसे कठिन दिन थे और मेरा एकमात्र उद्देश्य उस एयरक्राफ्ट में सवार सभी लोगों की जान बचाना था। मैं प्रार्थना करता हूं कि किसी भी क्रू मेंबर, यात्री या अन्य के जीवन में ऐसा पल न आए।

    - कैप्टन देवी शरण

    लीबिया में फंस गए थे कैप्टन

    हालांकि कंधार हाईजैक ऐसा इकलौता मामला नहीं था, जब कैप्टन देवी शरण या इंडियन एयरलाइंस के अन्य लोगों को खतरे का सामना करना पड़ा हो। 1 जनवरी 2000 को हाईजैक एयरक्राफ्ट को उड़ाकर भारत वापस लाने के 12 साल बाद एक ऐसा ही और खतरा उनके सामने आ गया था।

    तब कैप्टन देवी शरण, कैप्टन एसपीएस सूरी और केबिन क्रू मेंबर गृह युद्ध झेल रहे लीबिया में फंस गए थे। शहर की सड़कों पर एके 47 लेकर घूम रहे युवाओं ने उनका पीछा किया था। हालांकि तब वह सुरक्षित बच गए थे।

    कई फ्लाइट उड़ाने का अनुभव

    • कैप्टन शरण ने 1984 में करनाल से फ्लाइंट ट्रेनिंग पूरी की। इसके बाद वह तत्कालीन इंडियन एयरलाइंस के लिए चुने गए। इंडियन एयरलाइंस का 2007 में एयर इंडिया में मर्जर हो गया था। कैप्टन शरण ने उड़ान की शुरुआत बोइंग 737-200 से की थी।
    • लेकिन इसके बाद उन्होंने एयरबस ए320 और ए330 का भी संचालन किया। यह वही विमान था, जिसे कंधार में हाईजैक किया गया था। एयर इंडिया में इंडियन एयरलाइंस के मर्जर के बाद उन्होंने ए330 और ड्रीमलाइनर बी787 भी उड़ाया।

    ड्रीमलाइनर से भरी अंतिम उड़ान

    कैप्टन देवी शरण ने शनिवार 4 जनवरी को ड्रीमलाइनर से ही अपनी अंतिम उड़ान भरी, जो मेलबर्न से दिल्ली आई। फ्लाइट के क्रू मेंबर्स ने उन्हें स्पेशल फेयरवेल दिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वह आज भी वैसा हूी फील कर रहे हैं, जैसे एयरलाइन जॉइन करते वक्त एक युवा के तौर पर उन्होंने महसूस किया था।

    रिटायमेंट के बाद कैप्टन देवी शरण का प्लान करनाल में खेती करने का है। वो एयर इंडिया की मेगा ट्रेनिंग फेसिलिटी का भी हिस्सा हो सकते हैं।

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