'बेहद अहम समय पर पाकिस्तान पर किया था हमला' भारतीय एयरफोर्स ने 1971 के ऐतिहासिक युद्ध को किया याद
भारतीय वायुसेना ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर किए गए हमलों को याद किया। वायुसेना ने बताया कि कैसे हवाई अभियानों ने भारत की जीत और बांग्लादेश के नि ...और पढ़ें

1971 युद्ध में IAF का ऐतिहासिक योगदान इमेज - @IAF_MCC
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना ने 1971 युद्ध में पाकिस्तान पर किए गए अपने ऐतिहासिक हमलों को याद किया। वायुसेना ने युद्ध की दिशा तय करने में हवाई अभियानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला, जिसके परिणामस्वरूप अंतत: भारत की जीत हुई और बांग्लादेश का निर्माण हुआ।
वायुसेना ने एक्स पोस्ट में साकेसर रडार पर हमले को याद किया, जिसने पाकिस्तान के पश्चिमी वायु रक्षा को दो दिनों तक ''लकवाग्रस्त'' कर दिया था। इसमें जानकारी दी गई कि कैसे भारतीय वायुसेना ने युद्ध में बेहद अहम समय पर हस्तक्षेप किया।
दुश्मन के 27 बख्तरबंद वाहनों को नष्ट और 10 टैंकों को क्षतिग्रस्त कर दिया और जैसलमेर को सुरक्षित रखते हुए लोंगेवाला की लड़ाई में भारत की जीत का मार्ग प्रशस्त किया। मोर्चे के पश्चिमी हिस्से में 132 मिशन लांच किए, जिनमें एएन-12 और कैनबरा विमानों ने दुश्मन के ठिकानों पर भारी तबाही मचाई।
वायुसेना ने एक्स पोस्ट में कहा, '1971 के युद्ध के तीसरे दिन भारतीय वायुसेना हर उस जगह मौजूद थी, जहां दुश्मन की नजर थी और कई ऐसी जगहों पर जहां उन्हें उम्मीद नहीं थी।
साकेसर रडार पर हमले ने पाकिस्तान की महत्वपूर्ण पश्चिमी हवाई सुरक्षा को दो दिनों के लिए लकवाग्रस्त कर दिया। कैनबरा विमानों ने लगातार दबाव बनाए रखा और चार प्रमुख हवाई अड्डों पर 1,44,000 पाउंड आयुध पहुंचाया।
पूर्व में, जब पाकिस्तानी वायुसेना के विमान जमीन पर थे, 104 आक्रामक उड़ानों ने सेना के तेजी से आगे बढ़ने का रास्ता साफ कर दिया। 1971 का भारत-पाक युद्ध तीन दिसंबर को पूर्वी पाकिस्तान में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के बीच शुरू हुआ।
यह संघर्ष पाकिस्तान की हार, 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों के आत्मसमर्पण और बांग्लादेश के एक अलग राष्ट्र के रूप में उभरने के साथ समाप्त हुआ।
(न्यूज एजेंसी ANI के इनपुट के साथ)

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