भारत-इजरायल के रिश्तों में नया अध्याय, दो चरणों में लोगू होगा दोनों देशों का FTA; पीयूष गोयल ने दी जानकारी
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और इजरायल के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) दो चरणों में लागू होगा। पहले चरण में उन वस्तुओं पर समझौता होगा जिनमें कोई आपत्ति नहीं है। इजरायल भारत के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों आतंकवाद से जूझ रहे हैं। श्रम संहिता से औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। भारत, इजरायल से तकनीक चाहता है। निर्यात में गिरावट आई है, लेकिन नए बाजारों की तलाश जारी है। इजरायल ने भारतीय कंपनियों को मेट्रो परियोजना में आमंत्रित किया है।
-1763908271739.webp)
भारत-इजरायल के रिश्तों में नया अध्याय दो चरणों में लोगू होगा दोनों देशों का FTA (फाइल फोटो)
राजीव कुमार, जागरण, यरुशलम। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि इजरायल के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण में दोनों देश उन वस्तुओं को लेकर व्यापार समझौता करना चाहते हैं, जिसके आयात-निर्यात में दोनों देशों को कोई आपत्ति नहीं है।
दूसरे चरण में शेष वस्तु और सेवाओं पर वार्ता कर उसे पूरा किया जाएगा। इजरायल भारत के लिए इसलिए भी अहम है क्योंकि दोनों देश ही आतंकवाद जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। वहीं दो दिन पहले अधिसूचित की गई श्रम संहिता पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए गोयल ने कहा कि इससे भारत में औद्योगिक विकास और भारत को मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने में मदद मिलेगी।
क्या-क्या होगा फायदा?
इस संहिता के लागू होने से नए निवेश में बढ़ोतरी होगी जिससे एमएसएमई सेक्टर को लाभ मिलेगा।इजरायल ने अपनी आपदा को अवसर में बदला है। भारत इजरायल से विभिन्न सेक्टर से जुड़ी टेक्नोलाजी हासिल करना चाहता है जो हमारी उत्पादकता को बढ़ाने में मदद करेगी।
इससे हमें अपने अगले चरण के अनुसंधान व विकास में भी मदद मिलेगी। 2024-25 के दौरान इजरायल को भारत का निर्यात 2023-24 के 4.52 अरब डालर से 52 प्रतिशत घटकर 2.14 अरब डालर रह गया। पिछले वित्त वर्ष में आयात भी 26.2 प्रतिशत घटकर 1.48 अरब डालर रह गया। भारत एशिया में इजरायल का दूसरा सबसे बड़ा ट्रे¨डग पार्टनर है।
दोनों देशों के बीच वस्तु व्यापार में मुख्य रूप से डायमंड, पेट्रोलियम प्रोडक्ट और केमिकल शामिल हैं। हालांकि, हाल के वर्षों में इलेक्ट्रानिक मशीनरी और हाई-टेक प्रोडक्ट, कम्युनिकेशन सिस्टम और मेडिकल उपकरण जैसे क्षेत्रों में भी व्यापार बढ़ रहा है। भारत इजरायल को मोती और कीमती पत्थर, आटोमोटिव डीजल, केमिकल और मिनरल प्रोडक्ट, मशीनरी और इलेक्टि्रकल इक्विपमेंट, प्लास्टिक, टेक्सटाइल, कपड़े, बेस मेटल, ट्रांसपोर्ट इक्विपमेंट और खेती के उत्पाद निर्यात करता है।
एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन पर जल्द होगा अमल
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि 25,000 करोड़ रुपये के इंसेंटिव वाले एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन की गाइडलाइन जल्द जारी की जाएगी। साथ ही अमेरिकी शुल्क की वजह से जिन सेक्टर का निर्यात प्रभावित हुआ है, उन्हें वैकल्पिक बाजार मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि समुद्री मछली खासकर झींगा का निर्यात अमेरिकी शुल्क की वजह से प्रभावित हुआ है और उसकी क्षतिपूर्ति के लिए हम यूरोपीय यूनियन (ईयू) के बाजार में इसके निर्यात को बढ़ाने जा रहे हैं। इसके लिए ईयू के साथ अलग से करार किया गया है।
समुद्री उत्पाद के निर्यात के लिए रूस भी अपना बड़ा बाजार हमारे लिए खोलने जा रहा है। प्रभावित होने वाले अन्य सेक्टर के लिए भी हम नए बाजार को चिन्हित कर रहे हैं। बता दें कि एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन को सरकार ने मंजूरी तो दे दी है, लेकिन इसे लागू करने की समयसीमा और पूरी गाइडलाइन अभी जारी नहीं की गई है जिससे निर्यातक इसे लेकर असमंजस में है।
मेट्रो परियोजना के लिए इजरायल ने भारतीय कंपनियों को बुलाया
इजरायल की मेट्रो परियोजना के बारे में गोयल ने बताया कि यह 50 अरब डालर की परियोजना है। इजरायल 300 किलोमीटर के दायरे में अपनी मेट्रो लाइन बिछाना चाहता है। मेट्रो परियोजना में भारत की सफलता को देखते हुए इजरायल ने भारतीय कंपनियों को यहां कार्य करने की पेशकश की है।
दुनिया के दर्जन भर से अधिक देशें के साथ व्यापार समझौते की समय सीमा के बारे में गोयल ने बताया कि सभी देशों की अपनी समय सीमा होती है और व्यापार समझौता उसी के मुताबिक होता है। ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि इतने समय में यह समझौता हो ही जाएगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।