भारत-चीन सीमा विवाद सुलझ गया? सैन्य कमांडरों की बैठक में बनी बात; दोनों देशों ने इस बात पर जताई सहमति
भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की 23वीं वार्ता हुई, जिसका उद्देश्य सीमा विवाद के शेष मुद्दों को सुलझाना था। विदेश मंत्रालय के अनुसार, बातचीत सकारात्मक रही और सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने पर जोर दिया गया। पूर्वी लद्दाख के विवादित क्षेत्रों पर विस्तृत चर्चा हुई, और दोनों पक्ष आपसी विश्वास बढ़ाने पर सहमत हुए। इस बैठक को संबंधों में सुधार की दिशा में एक कदम माना जा रहा है।

भारत-चीन का सीमा विवाद सुलझ गया?
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच बुधवार को कोर कमांडर स्तर की 23वीं दौर की वार्ता संपन्न हुई। यह बैठक दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के शेष मुद्दों को सुलझाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, वार्ता सकारात्मक माहौल में हुई और दोनों पक्षों ने सीमा क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता बनाए रखने पर जोर दिया।
दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने पूर्वी लद्दाख सहित विवादित क्षेत्रों में बचे हुए मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। वार्ता के दौरान पारस्परिक विश्वास बढ़ाने और सीमा प्रबंधन को मजबूत करने पर सहमति बनी।इस बैठक को दोनों देशों के संबंधों में सुधार की एक और कड़ी के तौर पर देखा जा रहा है। इसी सप्ताह की शुरुआत में वर्ष 2020 के बाद पहली बार भारत और चीन के बीच सीधी उड़ान सेवा बहाल हुई है।
तनाव को काफी कम करने में सफलता
भारत और चीन के संबंध में वर्ष 2020 में गलवन घाटी में दोनों देशों के सैन्य बलों के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद काफी तनावग्रस्त हो गये थे। पिछले एक वर्ष के भीतर पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच दो बार मुलाकात से तनाव को काफी कम करने में सफलता हासिल हुई है। सीमा विवाद के स्थाई समाधान के लिए गठित विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता भी शुरू हो चुकी है।
एक वर्ष बाद हुई सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता
चीन ने भारतीय तीर्थयात्रियों को मानसरोवर तक की यात्रा करने की अनुमति दे दी है। भारत की तरफ से भी चीनी नागरिकों को फिर से वीजा देने का काम शुरू हो चुका है। हालांकि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास कुछ इलाकों में सैन्य तैनाती को लेकर अभी भी दोनों देशों देशों के बीच कुछ मतभेद हैं। सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता तकरीबन एक वर्ष बाद हुई है।
दोनों देशों की संप्रभुता और सुरक्षा
वार्ता में भारतीय पक्ष का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर ने किया, जबकि चीनी पक्ष की अगुवाई दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर ने की। दोनों पक्षों ने भविष्य में ऐसी वार्ताओं को जारी रखने पर सहमति जताई। विदेश मंत्रालय ने पूर्व में कई बार यह स्पष्ट किया है कि सीमा विवाद का पूर्ण समाधान दोनों देशों की संप्रभुता और सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।

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