भारत अब बांग्लादेश पर कसेगा जोरदार शिकंजा, हिंदुओं पर हमले को लेकर आ गई बड़ी रिपोर्ट
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले को लेकर भारत की ओर से लगातार डिप्लोमेटिक स्तर पर चर्चा की जा रही है। भारतीय विदेश सचिव भी पिछले दिनों बांग्लादेश गए। इसी बीच बांग्लादेश पुलिस की एक ताजा रिपोर्ट से भारत का पक्ष मजबूत हुआ है। भारत अब और ताकत के साथ बांग्लादेश से हिंदुओं पर हमले के खिलाफ कठोर रवैया अपना सकता है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रहे हमले को लेकर वहां की अंतरिम सरकार और सरकार के मुखिया प्रोफेसर मोहम्मद युनूस के खिलाफ भारत का रवैया और सख्त होगा। वजह यह है कि अब भारत के पक्ष को वहां की पुलिस की जांच रिपोर्ट भी सही ठहरा रही है।
अब यह बात पूरी तरह से सामने आ चुकी है कि पूर्व पीएम शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने के बाद बांग्लादेश में जिस तरह से हिंदू अल्पसंख्यकों पर लगातार हमला हुआ है, उसको लेकर युनूस की सरकार लगातार अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को बरगला रही है। शनिवार को बांग्लादेश पुलिस की तरफ से जारी विस्तृत रिपोर्ट में कहा गया है कि शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद वहां हिंदू मंदिरों, दुकानों या आवासों पर जो हमले हुए हैं उनमें 98.4 फीसद हमले राजनीति से प्रेरित रहे हैं।
बांग्लादेश पुलिस ने हमलों पर जारी की यह रिपोर्ट
प्रोफेसर युनूस की सरकार के कई अधिकारी अभी तक यह कहते रहे हैं कि भारत हिंदुओं पर हमले को बढ़ा-चढ़ा़कर दिखा रहा है। बांग्लादेश पुलिस ने 04 अगस्त से 20 अगस्त, 2024 के दौरान अल्पसंख्यकों पर कुल 1415 हमलों की जांच के आधार पर अपनी बात कही है। जबकि बांग्लादेश हिंदू, बौद्ध, इसाई एकता परिषद की तरफ से जारी रिपोर्ट में 2010 हमलों की बात कही गई है।
सांप्रदायिक हमलों के बताए सिर्फ 20 मामले
बांग्लादेश पुलिस ने माना है कि कुल 1769 हमलों की सूचना मिली है। इनमें से 1415 मालों की जांच हुई है और शेष मामलों की जांच हो रही है। इनमें से सिर्फ 20 मामलों के सांप्रदायिक हमला माना गया है। बताते चलें कि कुछ दूसरे संगठनों ने 08 दिसंबर, 2024 को कहा था कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर 04 अगस्त के बाद कुल 2200 हमले हुए हैं।
भारतीय विदेश सचिव ने उठाया था मुद्दा
बाद में भारत के विदेश सचिव ने दोनों देशों के बीच आयोजित विदेश मंत्रालय की बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया था। इसे अंतरिम सरकार के आला अधिकारियों ने खारिज किया था और भारत की तरफ से उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के तौर पर भी पेश करने की कोशिश की गई थी।
भारत ने अभी नहीं दिया कोई आधिकारिक बयान
भारत ने आधिकारिक तौर पर इस रिपोर्ट पर कोई बयान नहीं दिया है। लेकिन विदेश मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि राजनीतिक तौर पर प्रेरित हमले को क्या किसी अल्पसंख्यक समुदाय के हमले के लिए जायज ठहराया जा सकता है? पुलिस की रिपोर्ट तकरीबन यही करने की कोशिश कर रही है।
सरकार बताए क्या उठाए जा रहे कदम?
वहां की सरकार को यह बताना चाहिए कि वह अल्पसंख्यकों के दुकानों, धार्मिक स्थलों या उनके घरों पर हमले को रोकने के लिए क्या कदम उठा रही है? इसका कोई असर हो रहा है या नहीं? कुछ लोग बांग्लादेश पुलिस की तरफ से जारी इस रिपोर्ट में अमेरिका में हो रहे सत्ता परिवर्तन से जोड़ कर भी देख रहे हैं। 20 जनवरी, 2025 को अमेरिका में डोनाल्ट ट्रंप नये राष्ट्रपति के तौर पर कार्यभार संभालेंगे। पिछले दिनों उन्होंने सोशल मीडिया पर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले को लेकर अपनी गंभीर चिंता जताई थी।
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