चीन पर निगरानी बढ़ाएगा भारत, जल्द ही लद्दाख, एलएसी सेक्टर में नए इजरायली हेरॉन ड्रोन तैनात होंगे
सरकारी सूत्रों ने एएनआइ को बताया चल रही वैश्विक महामारी के कारण हुई देरी के बावजूद भारतीय बलों को पूर्वी लद्दाख और एलएसी के साथ अन्य क्षेत्रों में तैनाती के लिए जल्द ही चार इजरायली ड्रोन मिलने जा रहे हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। भारतीय सेना जल्द ही वह इजरायल से अपने एडवांस हेरॉन ड्रोन प्राप्त करने जा रही है। इसी के साथ, सेना को अमेरिका से भी मिनी ड्रोन हासिल होंगे। इनका इस्तेमाल पूर्वी लद्दाख और चीन की सीमा के साथ अन्य क्षेत्रों में दुश्मन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण हुई देरी के बाद भी, भारतीय सेना को पूर्वी लद्दाख और अन्य क्षेत्रों में तैनाती के लिए जल्द ही चार इजरायली ड्रोन मिलने जा रहे हैं। जल्द ही भारत आने वाले ये ड्रोन मौजूदा इन्वेंट्री में हेरॉन की तुलना में ज्यादा एडवांस हैं और उनकी एंटी-जैमिंग क्षमता उनके पिछले वर्जन की तुलना में काफी बेहतर है।
चीन की तरफ से पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के बीच भारत ने सितंबर माह में इजरायल के बने हेरॉन ड्रोन को अपग्रेड करने के लिए अनुरोध किया था।भारतीय सेना अमेरिका से भी मिनी ड्रोन प्राप्त करने जा रही है। इन ड्रोनों का अधिग्रहण केंद्र सरकार की ओर से रक्षा बलों को हथियारों की तुरंत खरीदारी के लिए दी गई आपातकालीन शक्तियों (इमरजेंसी फाइनेंशल पावर) के तहत किया जा रहा है। इसके तहत वे अपनी युद्धक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 500 करोड़ रुपये के उपकरण और सिस्टम आदि खरीद सकते हैं।
भारतीय सुरक्षाबल ऐसे हथियारों की खरीद में जुटे हैं, जो चीन के साथ चल रहे संघर्ष में उनकी मदद कर सकते हैं। अन्य छोटे या मिनी ड्रोन अमेरिका से खरीदे जा रहे हैं, जिन्हें बटालियन स्तर पर सैनिकों को उपलब्ध कराए जाएंगे। हाथ से चलाए जाने वाले ड्रोन का इस्तेमाल किसी विशेष स्थान या क्षेत्र के बारे में जानकारी प्राप्त करने या उस स्थान की निगरानी के लिए किया जाएगा। वहीं, भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी के लिए एक अमेरिकी कंपनी से लीज पर दो प्रीडेटर ड्रोन लिए हैं। इन ड्रोन की तैनाती पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर की जा सकती है।