ट्रंप के 'गाजा पीस प्लान' का भारत ने किया स्वागत, पीएम मोदी ने की इजरायली पीएम की जमकर तारीफ
भारत ने गाजा में शांति स्थापित करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की योजना का स्वागत किया है। पीएम मोदी ने इजरायली पीएम नेतन्याहू के नेतृत्व की सराहना की और बंधकों की रिहाई की उम्मीद जताई। इस समझौते के तहत, इजरायल और हमास लड़ाई रोकने और कैदियों को रिहा करने पर सहमत हुए हैं, जिससे क्षेत्र में तनाव कम होने की संभावना है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की पश्चिम एशिया शांति योजना के पहले चरण पर हुए समझौते का स्वागत किया है। इस समझौते के तहत इजरायल और हमास ने गाजा में लड़ाई रोकने की घोषणा की है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने इसका स्वागत करते हुए कहा है कि, “हम राष्ट्रपति ट्रंप की शांति योजना के पहले चरण पर हुए समझौते का स्वागत करते हैं।
यह पीएम नेतन्याहू के मजबूत नेतृत्व को दर्शाता है। हम आशा करते हैं कि बंधकों की रिहाई और गाजा के लोगों के लिए बढ़ी हुई मानवीय सहायता उन्हें राहत प्रदान करेगी तथा स्थायी शांति की राह प्रशस्त करेगी।'' इस समझौते के तहत इजरायल और हमास ने गाजा में लड़ाई रोकने और कम से कम कुछ बंधकों तथा कैदियों की रिहाई का फैसला किया है।
बताते चलें कि राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से इस शांति समझौते का खाका तैयार किया जिसकी वजह से पूरे पश्चिम एशिया में मौजूदा तनाव के खत्म होने की उम्मीद बंधी है। डोनाल्ड ट्रंप ने ही आठ अक्टूबर, 2025 को उक्त शांति योजना की घोषणा की थी।
गुरुवार को मुंबई में पीएम नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर के बीच हुई मुलाकात में भी गाजा की स्थिति पर चर्चा हुई है। दोनों प्रधानमंत्रियों ने अपने सार्वजनिक भाषण में पश्चिम एशिया में शांति स्थापित करने की घोषणा का स्वागत किया और इस परर खुशी जाहिर की। सात अक्टूबर, 2023 को हमास के इजरायल पर अचानक किये गये हमले के बाद वहां के हालात लगातार बद से बदतर हुए हैं।
हमास के हमले में लगभग 1,200 इजरायली मारे गए और 250 से अधिक को बंधक बनाया गया था। इसके बाद इजरायल की जवाबी कार्रवाई में गाजा में 60,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं। मरने वालों में आधे से ज्यादा महिलाएं और बच्चे हैं। बहरहाल, अभी जो समझौता हुआ है उसके मुताबिक हमास सभी जीवित बंधकों को 72 घंटों के भीतर रिहा करेगा। इसके बदले इजरायल सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों को मुक्त करेगा। साथ ही इजरायली सेना गाजा के अधिकांश हिस्सों से पीछे हटेगी। इसके अलावा गाजा में सहायता की आपूर्ति बढ़ाई जाएगी।
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