Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Weather Update: सितंबर में भी जमकर बरसेंगे मेघा, बादल फटने और भूस्खलन की चेतावनी

    Updated: Sun, 31 Aug 2025 08:00 PM (IST)

    देश के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण प्राकृतिक आपदाएं आ रही हैं। मौसम विभाग के अनुसार सितंबर में भी सामान्य से ज्यादा बारिश की संभावना है जिससे उत्तराखंड में भूस्खलन और बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है। दक्षिण हरियाणा दिल्ली और उत्तरी राजस्थान में भी सामान्य जीवन प्रभावित हो सकता है। नदियों में उफान और तापमान में बदलाव की भी आशंका जताई गई है।

    Hero Image
    सितंबर में भी जमकर बरसेंगे मेघा, बादल फटने और भूस्खलन की चेतावनी

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारी बारिश की वजह से देश के कई हिस्से प्राकृतिक आपदाओं से त्रस्त हैं। मौसम विभाग ने कहा है कि सितंबर में भी सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। इस कारण इस महीने भी उत्तराखंड में भूस्खलन और बादल फटने से अचानक बाढ़ आ सकती है। साथ ही दक्षिण हरियाणा, दिल्ली और उत्तर राजस्थान में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने रविवार को कहा कि सितंबर, 2025 में मासिक औसत वर्षा, दीर्घावधि औसत 167.9 मिलीमीटर के 109 प्रतिशत से अधिक होने की संभावना है। विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने चेतावनी दी, ''कई नदियां उत्तराखंड से निकलती हैं। इसलिए भारी वर्षा का मतलब है कि कई नदियां उफान पर होंगी और इसका असर निचले इलाकों के शहरों और कस्बों पर पड़ेगा। हमें इसे ध्यान में रखना चाहिए।''

    महानदी के अपर कैचमेंट एरिया में भी भारी वर्षा होने की संभावना

    उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में महानदी के अपर कैचमेंट एरिया में भी भारी वर्षा होने की संभावना है। महापात्र ने कहा कि 1980 के बाद से सितंबर में वर्षा में थोड़ी वृद्धि देखी गई है, सिवाय 1986, 1991, 2001, 2004, 2010, 2015 और 2019 के। उन्होंने कहा कि राजस्थान से मानसून वापसी की सामान्य तिथि एक सितंबर से बदलकर 17 सितंबर हो गई है, जो इस बात का संकेत है कि सितंबर में वर्षा बढ़ गई है।

    एक जून से 31 अगस्त के बीच 743.1 मिलीमीटर बारिश

    आंकड़ों के अनुसार, देश में एक जून से 31 अगस्त के बीच 743.1 मिलीमीटर बारिश हुई, जो 700.7 मिलीमीटर की दीर्घकालिक औसत से लगभग छह प्रतिशत अधिक है। उत्तर-पश्चिम भारत में अगस्त में 265 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो 2001 के बाद से इस महीने की सबसे अधिक और 1901 के बाद से 13वीं सबसे अधिक बारिश है। दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में अगस्त में 250.6 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई, जो सामान्य से लगभग 31 प्रतिशत अधिक है। यह 2001 के बाद से इस महीने में तीसरी सबसे अधिक और 1901 के बाद से आठवीं सबसे अधिक वर्षा है।

    उत्तर-पश्चिम में 27 प्रतिशत अधिक वर्षा

    उत्तर-पश्चिम भारत में अब तक मानसून के तीनों महीनों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। कुल मिलाकर उत्तर-पश्चिम भारत में एक जून से 31 अगस्त के बीच 614.2 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य 484.9 मिलीमीटर से लगभग 27 प्रतिशत अधिक है।

    दक्षिण भारत में 9.3 प्रतिशत अधिक बरसात

    दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में एक जून से 31 अगस्त के बीच कुल मिलाकर 556.2 मिलीमीटर की सामान्य वर्षा की तुलना में 607.7 मिमी वर्षा हुई। यह 9.3 प्रतिशत अधिक है।

    सामान्य से कम रहेगा तापमान

    मौसम विभाग ने कहा कि सितंबर के दौरान मध्य-पश्चिम, उत्तर-पश्चिम और दक्षिण भारत के कई क्षेत्रों में मासिक अधिकतम औसत तापमान सामान्य से नीचे रहने की उम्मीद है। हालांकि, मध्य-पूर्व, पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत के कई हिस्सों के साथ-साथ उत्तर-पश्चिम भारत और पश्चिमी तटीय क्षेत्र के कुछ इलाकों में तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

    यह भी पढ़ें- Himachal Cloudburst: हिमाचल की लाहुल घाटी में बादल फटने से तबाही, बाढ़ में बहे तीन पुल; VIDEO