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    भारत ने चीन को दिखाया ठेंगा, सीमा पर बनेंगी 54 नई चौकियां

    By Murari sharanEdited By:
    Updated: Sat, 25 Oct 2014 10:53 AM (IST)

    अरुणाचल प्रदेश से लगती सीमा पर सड़क निर्माण को लेकर चीन की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए भारत ने इस सीमांत राज्य में 54 नई चौकियां बढ़ाने का एलान किया है। इसके अलावा सीमा पर अन्य निर्माण कार्यो के लिए 175 करोड़ रुपये के पैकेज की भी घोषणा की है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत पड़ोसी मुल्कों से मधुर रिश्ते रखना चाहता है। इस दिशा में केंद्र सरकार ने मजबूती से कदम आगे बढ़ाए हैं। अगर चीन और पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आए तो

    जागरण न्यूज नेटवर्क, ग्रेटर नोएडा। अरुणाचल प्रदेश से लगती सीमा पर सड़क निर्माण को लेकर चीन की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए भारत ने इस सीमांत राज्य में 54 नई चौकियां बढ़ाने का एलान किया है। इसके अलावा सीमा पर अन्य निर्माण कार्यो के लिए 175 करोड़ रुपये के पैकेज की भी घोषणा की है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत पड़ोसी मुल्कों से मधुर रिश्ते रखना चाहता है। इस दिशा में केंद्र सरकार ने मजबूती से कदम आगे बढ़ाए हैं। अगर चीन और पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आए तो उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

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    भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के 53वें स्थापना दिवस पर शुक्रवार को आयोजित समारोह में राजनाथ सिंह ने कहा कि विश्व शांति के लिए भारत बातचीत के जरिये चीन के साथ सीमा विवाद को सुलझाने का प्रयास करता रहा है। एक बार फिर पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है। दिवाली के दिन भी सीमा पर घुसपैठ की कोशिश व गोलीबारी की गई, लेकिन सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।

    चीनी सैनिक भी भारतीय सीमा में घुसने का प्रयास करते हैं। कोई पीठ पर गोली चलाएगा तो हम भी मुंहतोड़ जवाब देना जानते हैं। हम इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र संघ में उठाएंगे ताकि दोनों देशों पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाया जा सके। कुछ दिन पूर्व चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के भारत दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमा विवाद मामले को प्रमुखता से उठाया था। चीन की तरफ से सीमा के नजदीक एयरफील्ड बनाने और रडार लगाने संबंधी रिपोर्टो पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि सीमा विवाद से जुड़े सारे मसले सिर्फ बातचीत के माध्यम से ही सुलझाए जाने चाहिए।