तो भारत से हट जाएगा 25% एक्स्ट्रा टैरिफ? India-US में ट्रैड डील पर बन रही बात, जल्दी मिलेगी गुड न्यूज
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने उम्मीद जताई है कि अमेरिका के साथ ऊंचे शुल्क विवाद का समाधान जल्द हो सकता है। अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया है। नागेश्वरन ने कहा कि दोनों सरकारों के बीच बातचीत जारी है। उन्होंने ग्रामीण मांग में मजबूती और शहरी मांग में सुधार को आर्थिक वृद्धि का आधार बताया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने गुरुवार को उम्मीद जताई कि ऊंचे शुल्क को लेकर अमेरिका के साथ पैदा हुए विवाद का समाधान अगले आठ से दस सप्ताह में निकल सकता है। अमेरिका ने रूस से तेल खरीद को लेकर 27 अगस्त से भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया था। इसके साथ ही भारतीय उत्पादों पर अमेरिका में कुल शुल्क बढक़र 50 प्रतिशत हो गया है।
नागेश्वरन ने यहां उद्योग मंडल की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि पर्दे के पीछे दोनों सरकारों के बीच शुल्क विवाद को लेकर बातचीत जारी है। हालांकि, उन्होंने इस बात को लेकर आगाह किया कि शुल्क जारी रहने की स्थिति में अमेरिका को भारतीय वस्तुओं के निर्यात में गिरावट आ सकती है। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने भारत को निम्न-मध्य आय वाली आकांक्षी अर्थव्यवस्था बताते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ा। कोविड महामारी के बाद भारत ने कई देशों की तुलना में तेज वृद्धि दर्ज की है।
ग्रामीण मांग में मजबूती आर्थिक वृद्धि को आधार देगी
उन्होंने कहा कि विनिर्माण, सेवा और कृषि क्षेत्रों की प्रगति के साथ ग्रामीण मांग में मजबूती और शहरी मांग में सुधार अगले दो वर्षों में आर्थिक वृद्धि को आधार देंगे। नागेश्वरन ने कहा कि हाल में जीएसटी दरों में दी गई राहत से उपभोक्ताओं के हाथ में अतिरिक्त आय बढ़ेगी। एमएसएमई क्षेत्र को ऋण में वृद्धि हुई है और बड़ी उद्योग इकाइयों को कर्ज वितरण में संरचनात्मक बदलाव आ रहा है। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में चालू खाते का घाटा जीडीपी का 0.2 प्रतिशत रह गया और विदेशी मुद्रा भंडार भी स्वस्थ है।
दीर्घावधि में रुपया अपने मूल्य को बनाए रखेगा
उन्होंने कहा कि हालांकि, डालर के मुकाबले रुपया कमजोर हो रहा है लेकिन अर्थव्यवस्था की मजबूती को देखते हुए मुझे यकीन है कि दीर्घावधि में रुपया अपने मूल्य को बनाए रखेगा और उसमें मजबूती भी आएगी। नागेश्वरन ने कहा कि सरकार की प्राथमिकताओं में पूंजीगत खर्च, निजी निवेश को प्रोत्साहन और विनियामक ढांचे में सुधार शामिल हैं।
निजी क्षेत्र से नवाचार व शोध पर अधिक खर्च करने का आह्वान
उन्होंने निजी क्षेत्र से नवाचार और शोध पर अधिक खर्च करने का आह्वान किया। अर्थव्यवस्था पर कृत्रिम मेधा (एआइ) के प्रभाव पर उन्होंने कहा कि इसका असर फिलहाल सीमित है लेकिन कोडिंग संबंधी नौकरियों पर दबाव रहेगा। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में लोगों को अपना कौशल बढ़ाना होगा।
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