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    'पीएम मोदी और ट्रंप के बीच स्पेशल बॉन्डिंग', पूर्व विदेश सचिव ने बताया भारत को कैसे मिलेगी ट्रेड वॉर से राहत

    भारत और अमेरिका के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की उम्मीदें फिर से जागी हैं। पूर्व विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की दोस्ती को इस दिशा में एक मजबूत कदम बताया है। अमेरिका द्वारा 50% टैरिफ लगाने के बावजूद श्रृंगला को भरोसा है कि दोनों देश जल्द ही एक फायदेमंद समझौता कर सकते हैं।

    By Digital Desk Edited By: Chandan Kumar Updated: Wed, 27 Aug 2025 12:08 PM (IST)
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    50 फीसदी टैरिफ लागू होने के बावजूद श्रृंगला को भरोसा है कि जल्द ही एक ऐसा समझौता हो सकता है।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच मुक्त व्यापार समझौता (FTA) की राह में नई उम्मीदें जगी हैं। पूर्व विदेश सचिव और राज्यसभा सांसद हर्ष वर्धन श्रृंगला ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गहरी दोस्ती इस दिशा में एक मजबूत कदम हो सकती है।

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    50 फीसदी टैरिफ लागू होने के बावजूद श्रृंगला को भरोसा है कि दोनों देश जल्द ही एक ऐसा समझौता कर सकते हैं, जो दोनों के लिए फायदेमंद हो। यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिका ने भारत से आने वाले सामानों पर भारी-भरकम टैरिफ लगा दिया है। इस टैरिफ से भारत के कई सेक्टर्स पर असर पड़ सकता है।

    श्रृंगला ने "हाउडी मोदी" और "नमस्ते ट्रंप" जैसे आयोजनों का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों नेताओं के बीच का रिश्ता पुराना और गहरा है। यह दोस्ती ट्रंप के पहले कार्यकाल से ही मज़बूत हुई थी। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह रिश्ता व्यापार समझौते को जल्दी और बेहतर तरीके से पूरा करने में मदद करेगा।

    टैरिफ का क्या पड़ेगा असर?

    अमेरिका ने भारत से निर्यात होने वाले सामानों पर 50 फीसदी टैरिफ लागू कर दिया है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 86.5 अरब डॉलर के कुल निर्यात में से 60.2 अरब डॉलर के सामान पर यह टैरिफ लागू होगा।

    इससे खासकर टेक्सटाइल, रत्न-आभूषण और झींगा जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों में 70 फीसदी तक निर्यात में कमी आ सकती है। हालांकि, दवाइयां, एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रेडिएंट्स (APIs) और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्र, जो 27.6 अरब डॉलर के निर्यात का हिस्सा हैं, टैरिफ से मुक्त रहेंगे।

    श्रृंगला ने कहा कि भारत इस टैरिफ के असर को कम करने की कोशिश में जुटा है। इसके लिए वैकल्पिक बाज़ारों की तलाश की जा रही है।

    भारत ने ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और ब्रिटेन के साथ पहले ही मुक्त व्यापार समझौते कर लिए हैं। इसके अलावा, यूरोपीय संघ (EU) के साथ भी जल्दी ही एक समझौता होने की उम्मीद है। इन नए रास्तों से भारत अपने निर्यात को दूसरी दिशाओं में मोड़ सकता है।

    'मजबूत रिश्तों पर भरोसा अब भी कायम'

    श्रृंगला ने भारत और अमेरिका के बीच गहरे रिश्तों पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच साझा मूल्य और सिद्धांत इस रिश्ते की ताकत हैं। यह ताकत किसी भी उतार-चढ़ाव को पार करने में मदद करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सर्जियो गोर को अमेरिका का नया राजदूत नियुक्त करना एक सकारात्मक कदम है, जो दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करेगा।

    भारत अपनी क्षमताओं को बढ़ाने में भी जुटा है। सेमीकंडक्टर और रेयर अर्थ मिनरल्स जैसे क्षेत्रों में भारत अमेरिका जैसे देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है। श्रृंगला ने कहा कि अगले 20 सालों में भारत की तरक्की के लिए ये तकनीकी क्षेत्र बहुत अहम होंगे। भारत अपनी रणनीति को और मजबूत करने के लिए इन क्षेत्रों में तेज़ी से काम कर रहा है।

    आने वाला समय और उम्मीदें

    अमेरिका के टैरिफ से भारत के कुछ क्षेत्रों को झटका लग सकता है, लेकिन श्रृंगला का मानना है कि मोदी और ट्रंप की दोस्ती और दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्ते इस चुनौती से निपटने में मदद करेंगे। वैकल्पिक बाजारों की तलाश और नई तकनीकों में निवेश भारत को इस मुश्किल वक्त में मजबूती देगा। साथ ही, एक संभावित मुक्त व्यापार समझौता दोनों देशों के लिए नई राहें खोल सकता है।

    (समाचार एजेंसी ANI के इनुपट के साथ)

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