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    खालिस्तान मामले पर ब्रिटेन के साथ व्यापार वार्ता रुकने की रिपोर्ट निराधार, सरकारी अधिकारियों ने बताया सच

    By AgencyEdited By: Mahen Khanna
    Updated: Mon, 10 Apr 2023 02:53 PM (IST)

    India UK Trade Talks भारतीय अधिकारियों ने भारत-यूके व्यापार वार्ता ठप होने की खबरों को खारिज की है। उन्होंने कहा कि ये सभी रिपोर्टें निराधार है और भारत और ब्रिटेन के रिश्तों में कोई दरार नहीं आई है।

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    India UK Trade Talks भारत-ब्रिटेन व्यापार वार्ता ठप की खबरें गलत।

    लंदन/नई दिल्ली, एजेंसी। India UK Trade Talks भारतीय अधिकारियों ने सोमवार को उन खबरों को खारिज किया जिनमें कहा गया था कि लंदन में खालिस्तान समर्थक समूहों से जुड़े हालिया हमलों के कारण भारत-ब्रिटेन व्यापार वार्ता ठप हो गई है।

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    ब्रिटिश मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि नई दिल्ली ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर ब्रिटेन के साथ बातचीत को रोक दिया है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत पिछले महीने लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमला करने वाले खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई चाहता है।

    अधिकारियों ने रिपोर्टों को किया खारिज 

    भारत सरकार के एक सूत्र ने कहा कि ये सारी रिपोर्ट निराधार है। सूत्र ने कहा कि आधिकारिक वार्ता का अगला दौर 24 अप्रैल से लंदन में होने की संभावना है। बता दें कि एक अखबार ने ब्रिटिश सरकार के वरिष्ठ सूत्रों का हवाला देते हुए दावा किया कि भारत सरकार व्यापार वार्ता से "अलग" हो गई है, जो पिछले साल जनवरी में शुरू हुई थी।

    रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारत सरकार ने यूके की सरकार को साफ संदेश दिया है कि वो खालिस्तान समर्थक की सार्वजनिक निंदा के बिना इस वार्ता पर कोई प्रगति नहीं करेगी।

    खालिस्तान समर्थकों ने 19 मार्च को किया था हमला 

    बता दें कि 19 मार्च को लंदन में इंडिया हाउस में तिरंगे को खालिस्तानी समर्थकों द्वारा नीचे उतार दिया गया था और दो अधिकारियों को घायल कर दिया गया था, जिसके बाद भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई थी। दूसरी ओर यूके सरकार ने भी हमले की निंदा की और राजनयिक ऑफिस में सुरक्षा समीक्षा का वादा किया। 

    ब्रिटेन के साथ व्यापार बढ़ने की संभावना

    बता दें कि यूके सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत-यूके द्विपक्षीय व्यापारिक संबंध 2022 में 34 बिलियन पाउंड का था। यह एक वर्ष में 10 बिलियन पाउंड बढ़ गया है। अगर एफटीए पर बात बन जाती है तो इन आंकड़ों में बड़ी वृद्धि होने की उम्मीद है।