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    लाल सागर के बिगड़ते हालात को लेकर भारत दूसरे देशों के संपर्क में, इंडिया इनर्जी वीक में वैश्विक नेताओं के साथ होगी चर्चा

    By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey
    Updated: Mon, 29 Jan 2024 08:53 PM (IST)

    लाल सागर में हाउती आतंकियों की वजह से हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। भारत की जरूरत का 30 फीसद क्रूड इसी रास्ते से आता है जबकि भारत अपने कुल पेट्रोलियम निर्यात का 50 फीसद इस रास्ते से भेजता है। ऐसे में भारत चिंता में तो है लेकिन अभी तक लाल सागर में जहाजों के आवागमन प्रभावित होने से देश की ऊर्जा सुरक्षा को लेकर कोई समस्या पैदा नहीं हुई है।

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    अगले हफ्ते इंडिया इनर्जी वीक में वैश्विक नेताओं के साथ होगी चर्चा- हरदीप पुरी (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लाल सागर क्षेत्र में हाउती आतंकियों की वजह से हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। भारत की जरूरत का 30 फीसद क्रूड इसी रास्ते से आता है जबकि भारत अपने कुल पेट्रोलियम निर्यात का 50 फीसद इस रास्ते से भेजता है। ऐसे में भारत चिंता में तो है लेकिन अभी तक लाल सागर में जहाजों के आवागमन के प्रभावित होने से देश की ऊर्जा सुरक्षा को लेकर कोई समस्या पैदा नहीं हुई है।

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    पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी का कहना है कि इस बारे में अगले हफ्ते आयोजित इंडिया एनर्जी वीक के दौरान दुनिया के कई देशों के आमंत्रित मेहमानों और पेट्रोलियम मंत्रियों के साथ बातचीत होगी। इंडिया इनर्जी वीक का आयोजन 6 से 9 फरवरी, 2024 के दौरान गोवा में होगा। इसमें 17 देशों के पेट्रोलियम मंत्रियों और पेट्रोलियम सेक्टर की 900 कंपनियां हिस्सा लेंगी।

    जहाज भाड़े में वृद्धि को लेकर होगा असर

    देश की प्रमुख तेल कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपीसीएल) के चेयरमैन पुष्प कुमार जोशी ने भी कहा है कि, “हाउती आतंकियों की तरफ से जहाजों पर किये जाने वाले हमलों का भारत पर एकमात्र असर जहाज भाड़े में वृद्धि को लेकर होगा। भारत के क्रूड आपूर्ति पर कोई असर नहीं होगा। हांलाकि आने वाले दिनों में हालात किस तरह से बदलते हैं इस पर भी नजर रखनी होगी। एचपीसीएल के पास आपूर्ति को लेकर कोई दिक्कत नहीं है और तेल खरीद के जो भी समझौते किये गये हैं उसकी आपूर्ति समय पर हो रही है।"

    विदेश मंत्रालय पूरे हालात पर नजर रखे हुए है

    भारत के इस भरोसे के पीछे एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि हाउती आतंकियों की तरफ से हमले रूस के जहाजों पर नहीं हो रहे। जबकि इस मार्ग से जो तेल भारत आ रहा था उसका एक बड़ा हिस्सा रूस उत्पादित क्रूड का है। सनद रहे कि भारत का विदेश मंत्रालय भी इस पूरे हालात पर नजर रखे हुए है।

    भारतीय नौ सेना ने हिंद महासागर में गतिविधियां बढ़ाई

    भारत के पास अमेरिका व दूसरे पश्चिमी देशों की तरफ से बनाये गये गठबंधन में शामिल होने का विकल्प है। लेकिन भारत कूटनीतिक वजहों को देखते हुए इसे अभी तक टाले हुए है। दूसरी तरफ भारत की नौ सेना काफी सतर्क हो गई है। भारतीय नौ सेना के जहाजों ने हिंद महासागर में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। इसका असर भी साफ दिख रहा है।

    इंडिया इनर्जी वीक ऊर्जा सेक्टर का महत्वपूर्ण आयोजन

    भारतीय नौ सेना दो दिन एक ब्रिटिश टैंकर पर हुए हमले पर सबसे पहले मदद भेजने में सफल रहा था। पेट्रोलियम मंत्री पुरी का कहना है कि इंडिया इनर्जी वीक बहुत ही कम समय में ऊर्जा सेक्टर का एक महत्वपूर्ण आयोजन बन चुका है। आगामी महीने इसकी बैठक मुख्य तौर पर वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य के तमाम मुद्दों के साथ ही भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा विकल्पों से जुड़े विषयों पर विमर्श होगा।

    इस सम्मेलन में दुनिया के तमाम हिस्सों से 900 ऊर्जा कंपनियों भाग लेंगी, जबकि 35 हजार देशी व विदेशी प्रतिनिधि इसमें हिस्सा लेंगे। 17 देशों के पेट्रोलियम मंत्रियों के साथ भारतीय पेट्रोलियम मंत्री की अलग-अलग मुलाकात होगी। इसमें लाल सागर की स्थिति एक अहम मुद्दा होगा।

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