परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगा भारत, देश में छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर तकनीक पर काम तेज
भारत लगातार तकनीक के क्षेत्र में विकास कर रहा है। विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि देश में छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) जैसी नई तकनीकों पर तेजी से काम जारी है। इन्हें कारखानों में बनाया जा सकता है और इनकी मदद से स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन में मदद मिलेगी।

नई दिल्ली, पीटीआई: भारत लगातार तकनीक के क्षेत्र में विकास कर रहा है। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि देश में छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) जैसी नई तकनीकों पर तेजी से काम जारी है। इन्हें कारखानों में बनाया जा सकता है और इनकी मदद से स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन में मदद मिलेगी।
कितना अलग है SMR
समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार ने पब्लिक सेक्टर के उपक्रमों के लिए परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को खोल दिया है। हालांकि प्राइवेट सेक्टर के लिए इस क्षेत्र को फिलहाल बंद रखा गया है। उन्होंने बताया कि छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR), 300 मेगावाट तक की क्षमता के साथ काम कर सकते हैं। इनका डिजाइन फ्लेक्सिबल होने के साथ कम संसाधनों में काम करने में सक्षम है। एसएमआर मोबाइल तकनीक पर आधारित है, जिसके चलते इसे फैक्ट्री में आसानी से बनाया जा सकता है। वहीं, पारंपरिक परमाणु रिएक्टरों को ऑनसाइट ही बनाना पड़ता है।
विश्वस्तर पर तकनीक का विकास
नीति आयोग की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि विश्व के कई देशों में एसएमआर तकनीक डिजाइन रिसर्च, डेवलेपमेंट और लाइसेंसिंग के अलग-अलग चरणों में है। साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि वैश्विक नियामक सामंजस्य तकनीक को लेकर उसे विकसित करने के लिए एक तंत्र स्थापित कर रहे हैं। साथ ही सार्वजनिक और निजी सेक्टर से पूंजी का भी इस क्षेत्र में निवेश किया जा रहा है।
मंत्री जितेंद्र सिंह ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि
"हम पहले से ही इस तकनीक पर काम कर रहे हैं। मुझे लगता है कि जैसे-जैसे समय आएगा, हमें वैश्विक दुनिया के साथ आगे बढ़ना होगा। भारत लगातार नई तकनीकों को विकसित कर रहा है और तेजी के साख उन्हें अपना भी रहा है।" उन्होंने बताया कि देश के इतिहास में पहली बार मोदी सरकार ने फ्लीट मोड में 10 परमाणु रिएक्टर बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
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