सेटेलाइट संचार सेवा का वैश्विक नेतृत्व करेगा भारत, 2033 तक 15 अरब डॉलर का हो जाएगा सेटकॉम बाजार
इंडिया मोबाइल कांग्रेस में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भारत सेटेलाइट संचार सेवा का वैश्विक नेतृत्व करेगा। इसके लिए 900 करोड़ का निवेश किया जा रहा है। 2033 तक सेटकॉम बाजार 15 अरब डॉलर का होने का अनुमान है। भारत डिजिटल रूप से कुशल श्रमिकों का केंद्र बनेगा और 20 देश भारत के डीपीआई मॉडल को अपनाएंगे। 6जी से जीडीपी में 1.2 लाख करोड़ जुड़ेंगे।

2033 तक 15 अरब डॉलर का हो जाएगा सेटकॉम बाजार
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इंडिया मोबाइल कांग्रेस के उद्घाटन अवसर पर टेलीकाम मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भारत सेटेलाइट संचार सेवा का सिर्फ फायदा नहीं उठाएगा बल्कि सेटेलाइट संचार सेवा का बड़ा हब बनेगा, इस सेवा का बडा निर्यातक बनेगा और वैश्विक स्तर पर अपना नेतृत्व देगा।
उन्होंने कहा कि इस मकसद को अंजाम देने के लिए हम 900 करोड का निवेश कर रहे हैं जिसकी मदद से नेशनल सैटकाम मॉनिटरिंग फैसिलिटी का निर्माण किया जाएगा। यह एक विकसित सेंटर होगा जो भारत के स्पेक्ट्रम संपदा की रक्षा करेगा, उपग्रहीय संसाधनों की निगरानी करेगा।
भारत का सेटकॉम बाजार 15 अरब डॉलर का हो जाएगा
उन्होंने कहा कि टेलीकॉम और ब्रॉडकास्टिंग को मिलाकर पिछले साल तक भारत का सेटकॉम (सेटेलाइट संचार) बाजार चार अरब डॉलर का था जो वर्ष 2033 तक 15 अरब डॉलर का हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत डिजिटल रूप से कुशल श्रमिकों का सबसे बड़ा केंद्र बनने जा रहा है।
दुनिया के 20 देश भारत के डीपीआई मॉडल को अपनाने को तैयार
सिंधिया ने कहा कि भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) का दुनिया लोहा मान रही है और दुनिया के 20 देश भारत के डीपीआई मॉडल को अपनाने की तैयारी कर रहे हैं। भारत में आज 36.5 करोड़ लोग 5जी का इस्तेमाल कर रहे हैं। 97 करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं तो 94 करोड़ लोग ब्राडबैंड का उपयोग कर रहे हैं।
ये आंकड़े इस बात को साबित करते हैं कि टेलीकाम सेक्टर में कभी विश्व पर निर्भर भारत अब आत्मनिर्भर बन रहा है।
देश में 4जी सेवा का पूरा स्वदेशी पैकेज लांच किया गया है। देश के 500 से अधिक स्टार्टअप को वैश्विक स्तर के मुकाबले में भेजा जा रहा है।
भारत अब तकनीकी देने वाला बन रहा है- सिंधिया
सिंधिया ने कहा कि भारत तकनीकी लेने वाले की जगह अब तकनीकी देने वाला बन रहा है। 6जी के बारे में उन्होंने कहा कि भारत का 6जी सस्ता भी होगा और स्वदेशी भी। वर्ष 2035 तक देश के जीडीपी में 6जी की मदद से 1.2 लाख करोड़ जोड़े जाने का अनुमान है।
इस मौके पर इंडिया मोबाइल कांग्रेस के आयोजक सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई)) के महानिदेशक एस.पी. कोचर ने कहा कि इस टेलीकाम सेक्टर में पहले से स्थापित बडी कंपनियों व नए स्टार्टअप के सहयोग से डिजिटल गति को आगे बढ़ाने के लिए एक संतुलित इकोसिस्टम तैयार होगा।
एचएफसीएल के प्रबंध निदेशक महेंद्र नाहटा ने कहा कि भारत की डिजिटल ताकत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि देश में 99.6 प्रतिशत जिलों में अब 4जी और 5जी नेटवर्क है।
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