'निजी स्वार्थ से ऊपर उठें', AI के खतरों से जयशंकर ने किया आगाह; अगले भारत में होगा एआई समिट
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के सही इस्तेमाल पर भारत ने वैश्विक समुदाय को चेतावनी दी है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि एआई के संदर्भ में पक्षपात और गोपनीयता संबंधी चिंताएं वास्तविक हैं। भारत 2026 में होने वाले एआई सम्मेलन की तैयारी कर रहा है जो समावेशी एआई गवर्नेंस को बढ़ावा देगा। पीएम मोदी ने वैश्विक एआई सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की थी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगले वर्ष आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस (एआई) इम्पैक्ट सम्मेलन की तैयारियों में जुटे भारत ने वैश्विक समुदाय को एक बार फिर चेतावनी दी है कि उन्हें इस प्रौद्योगिकी का सही इस्तेमाल करने के लिए संकीर्ण स्वार्थो से ऊपर उठ कर सामूहिक हितों के लिए काम करना होगा क्योंकि एआई का असर हर व्यक्ति के जीवन पर होगा।
साथ ही यह आश्वासन भी दिया है कि एआई के वैश्विक स्तर पर गवर्नेंस की व्यवस्था बनाने में भारत अपनी भूमिका निभाने को तैयार है। मंगलवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्रस्ट एंड सेफ्टी इंडिया फेस्टिवल 2025 को संबोधित करते हुए भारत का पक्ष रखा और कहा कि, 'एआई के संदर्भ में पक्षपात, गोपनीयता और कमजोरियों से संबंधित चिंताएं वास्तविक हैं।'
फरवरी 2026 में होगा AI समिट
एआई हर नागरिक और क्षेत्र को प्रभावित करेगा, जिससे नए अवसर और शक्ति केंद्र उभरेंगे। इस फेस्टिवल को फरवरी, 2026 में भारत सरकार की तरफ से आयोजित होने वाले एआई सम्मेलन की तैयारी कै तौर पर देखा जा रहा है। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत 2026 में होने वाले सम्मेलन का आयोजन दायित्वपूर्वक होगा और इससे समावेशी एआई गवर्नेंस को बढ़ावा देने वाला होगा।
उन्होंने चेतावनी दी कि नई व्यवस्था में पहले से स्थापित संस्थानों में विश्वास खोने का खतरा है, इसलिए एआई शासन का संतुलित होना और इसमें नैतिक दृष्टिकोण का होना बहुत जरूरी है। भारत स्वदेशी उपकरणों और नीतियों के विकास पर ध्यान दे रहा है ताकि एआई का उपयोग सुरक्षित हो। भारत की जिम्मेदारी इस वजह से भी खास हो जाती है कि क्योंकि ग्लोबल साउथ (विकासशील व गरीब देश) प्रेरणा के लिए नई दिल्ली की ओर देखते हैं।
पीएम मोदी ने की थी वैश्विक एआई सम्मेलन की सह-अध्यक्षता
उन्होंने कहा कि भारत ने डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में पिछले एक दशक में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं, जो वैश्विक दक्षिण के देशों के लिए प्रेरणा बन रही हैं। सनद रहे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल की शुरुआत में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ पेरिस में आयोजित वैश्विक एआई सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की थी। भारत ने जी-20 की अध्यक्षता के दौरान भी जिम्मेदार और समावेशी एआई को न्यू दिल्ली घोषणा में काफी विस्तार से शामिल किया था।
माना जा रहा है कि वर्ष 2026 में होने वाला सम्मेलन एआई के प्रभावों पर केंद्रित होगा और भारत की वैश्विक नेतृत्व की प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा। भारत इस समिट की तैयारी में स्वदेशी तकनीकों और नीतिगत ढांचों के विकास पर ध्यान दे रहा है ताकि डिजिटल नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
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