अब रेयर अर्थ मैग्नेट के लिए भारत के आगे हाथ फैलाएगी दुनिया, देखता रह जाएगा चीन
सेमीकंडक्टर की तरह रेयर अर्थ मैग्नेट आधुनिक उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण हैं। भारत अब चीन के साथ एक बड़ा उत्पादक बनने की ओर अग्रसर है। इंडियन रेयर अर्थ लिमिटेड (आइआरईएल) 1950 से इस क्षेत्र में कार्यरत है। सरकार 7300 करोड़ के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कर सकती है। चीन ने भारत को रेयर अर्थ की सप्लाई फिर से शुरू की है।

भारत भी रेयर अर्थ मैग्नेट का बड़ा उत्पादक के साथ वैश्विक सप्लायर बनने जा रहा है (प्रतीकात्मक तस्वीर)
राजीव कुमार, जागरण, नई दिल्ली। सेमीकंडक्टर या चिप की तरह ही आधुनिक उद्योग के लिए अति महत्वपूर्ण आइटम रेयर अर्थ मैग्नेट पर अब सिर्फ चीन का दबदबा नहीं रहेगा। अगले एक साल में चीन के साथ भारत भी रेयर अर्थ मैग्नेट का बड़ा उत्पादक के साथ वैश्विक सप्लायर बनने जा रहा है।
छह माह पहले चीन की तरफ से रेयर अर्थ की सप्लाई रोक दिए जाने के बाद घरेलू स्तर पर ही रेयर अर्थ मैग्नेट के उत्पादन से जुड़े इको सिस्टम को तैयार करने का प्रयास चल रहा था। अब इसमें सफलता मिलती दिख रही है।
भारत पहले से सक्षम
भारत में रेयर अर्थ मैग्नेट के उत्पादन के लिए वर्ष 1950 में ही सरकारी कंपनी इंडियन रेयर अर्थ लिमिटेड (आइआरईएल) की स्थापना की गई थी, लेकिन जरूरत महसूस नहीं होने के कारण रेयर अर्थ के उत्पादन को बढ़ाने का प्रयास नहीं किया गया। देश में केरल और आंध्र प्रदेश के समुद्री तटों पर बहुतायत में रेयर अर्थ मैग्नेट से जुड़े आक्साइड पाए जाते हैं।
आइआरईएल इन्हीं से भारत में रेयर अर्थ मैग्नेट का उत्पादन करता है। एक किलो आक्साइड को प्रोसेस कर तीन किलोग्राम रेयर अर्थ मैग्नेट बनाया जाता है। मुख्य रूप से रेयर अर्थ मैग्नेट के उत्पादन के लिए आक्साइड और उसे प्रोसेसिंग करने के लिए मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट की आवश्यकता है।
भारी उद्योग मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक भारत को सालाना 2000 टन आक्साइड की जरूरत है ताकि 6000 टन रेयर अर्थ मैग्नेट का उत्पादन किया जा सके। आइआरईएल अभी 400 टन आक्साइड का उत्पादन करता है और अगले तीन साल में आइआरईएल की क्षमता 800 टन की हो जाएगी।
वैश्विक कंपनियां आक्साइड देने के लिए तैयार
वहीं भारी उद्योग मंत्रालय से जुड़ी सार्वजनिक कंपनी भेल ने रेयर अर्थ के आक्साइड को मंगाने के लिए इनसे जुड़ी 20 वैश्विक कंपनियों को पत्र लिखा था। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक रेयर अर्थ से जुड़ी आस्ट्रेलिया की लाइनस, इलुका, यूके की रेनबो जैसी कई वैश्विक कंपनियों ने आक्साइड सप्लाई को लेकर भारत के साथ लंबे समय का समझौता करने की इच्छा जाहिर की है। जल्द ही इस दिशा ठोस कदम उठाए जाएंगे।
7300 करोड़ का प्रोत्साहन पैकेज भी जल्द
उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक आक्साइड के प्रोसेसिंग से जुड़ी यूनिट की स्थापना व घरेलू स्तर पर कच्चे माल के उत्पादन के लिए सरकार इस माह में 7300 करोड़ के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कर सकती है। पांच बड़ी कंपनियों को मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए सहायता दी जा सकती है।
देश की एक स्टार्टअप कंपनी अश्विनी मैग्नेट तो रेयर अर्थ मैग्नेट का उत्पादन भी कर रही है, लेकिन अभी उनके उत्पादन का आकार काफी छोटा है। हाल ही में भारी उद्योग मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनकी तकनीक के बारे में जानने के लिए बैठक भी की है।
क्यों महत्वपूर्ण है रेयर अर्थ मैग्नेट?
रेयर अर्थ मैग्नेट का महत्व इस बात से भी समझा जा सकता है कि चीन की तरफ से अमेरिका को रेयर अर्थ की सप्लाई बंद करने से अमेरिका अब चीन के साथ व्यापार समझौता कर रहा है। विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम से लेकर इलेक्ट्रिक वाहन व विभिन्न रक्षा उपकरणों के निर्माण के लिए रेयर अर्थ मैग्नेट काफी महत्वपूर्ण है।
रेयर अर्थ मैग्नेट के वैश्विक उत्पादन में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी चीन की है। पिछले छह महीनों से चीन ने भारत में भी रेयर अर्थ मैग्नेट की सप्लाई रोक दी थी, लेकिन अब फिर से चीन ने भारत की चार कंपनियों को रेयर अर्थ मंगाने का लाइसेंस दिया है। कहा यह भी जा रहा है कि भारत की तैयारी को देखते हुए चीन ने फिर से भारत को रेयर अर्थ देने का फैसला किया है।

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