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    हवा से दुश्मनों के ठिकानों पर होगा सटीक हमला, वायुसेना को मिलेंगे ISTAR जाजूसी विमान; जानिए खासियत

    Updated: Sun, 08 Jun 2025 11:18 PM (IST)

    रक्षा मंत्रालय 10000 करोड़ रुपये में तीन अत्याधुनिक जासूसी विमान खरीदने पर विचार कर रहा है जिससे भारतीय वायुसेना की हवा से जमीन पर मार करने की क्षमता ...और पढ़ें

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    वायुसेना को मिलेंगे 10,000 करोड़ रुपये के स्वदेशी आई-स्टार जासूसी विमान। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान को बुरी तरीके से धूल चटाई। इस बीच रक्षा मंत्रालय एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। बताया जा रहा है कि रक्षा मंत्रालय तीन अत्याधुनिक जासूसी विमान खरीदने के लिए 10,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव पर विचार करने जा रहा है।

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    इसका मुख्य उद्देश्य है कि इससे भारतीय वायुसेना को हवा से जमीन पर मार करने वाली स्पष्ट तस्वीर मिल सके और वह दुश्मन के जमीनी ठिकानों जैसे रडार स्टेशनों, वायु रक्षा इकाइयों और अन्य गतिशील वस्तुओं पर सटीक हमले कर सके।

    इसी महीने होने वाली बैठक में लिया जा सकता है फैसला

    एनडीटीवी ने एएनआई के हवाले से बताया कि रक्षा अधिकारियों ने बताया कि खुफिया, निगरानी, ​​लक्ष्य प्राप्ति और टोही (आई-स्टार) के लिए 10,000 करोड़ रुपये की परियोजना को जून के चौथे सप्ताह में होने वाली रक्षा मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में मंजूरी के लिए रखे जाने की उम्मीद है। बता दें कि आई-स्टार जासूसी विमान सेनाओं को हवा से जमीन पर निगरानी प्रदान करता है।

    DRDO ने किया है विकसित

    जानकारी दें कि इसको पूर्ण स्वदेशी तकनीक से रक्षा अनुसंधान एवं विकास द्वारा विकसित किया गया है। जासूसी विमान परियोजना में बोइंग और बॉम्बार्डियर सहित विदेशी निर्माताओं से खुली निविदा के माध्यम से तीन विमानों का अधिग्रहण शामिल है। अधिकारियों ने बताया कि विमान पर ऑनबोर्ड सिस्टम पूरी तरह से स्वदेशी होंगे। अधिकारियों का कहना है कि ये प्रणालियां पहले ही CABS द्वारा सिद्ध और विकसित की जा चुकी हैं।

    इन देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा भारत

    जानकारी दें कि ISTAR प्रणाली के विकसित होने के बाद भारत भी अमेरिका, ब्रिटेन, इज़राइल और कुछ अन्य देशों सहित ऐसी क्षमता वाले चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा। बता दें कि I-STAR प्रणाली स्टैंड-ऑफ रेंज से दिन और रात खुफिया जानकारी जुटाने, निगरानी, ​​टोही और लक्ष्यीकरण करने के लिए होगी।