अब दुश्मन देशों की खैर नहीं! भारत ने किया K-4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण, जानिए खासियत
भारत ने समुद्र में अपनी ताकत का आभास दुनिया को कराया है। हाल में ही स्वदेशी K-4 मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। इसकी पुष्टि नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने आज की है। K-4 मिसाइल परीक्षण के साथ ही भारत उन देशों के छोटे समूह का हिस्सा बन गया है जो जमीन हवा और समुद्र के अंदर से परमाणु मिसाइल दाग सकते हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। K-4 missile Test: नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने आज पुष्टि करते हुए बताया कि भारत ने पनडुब्बी से 3,500 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली परमाणु क्षमता वाली मिसाइल का परीक्षण किया है। बता दें कि इस मिसाइल को हाल में ही नौसेना में शामिल किया गया था। नौसेना दिवस से पहले मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मिसाइल के प्रक्षेप पथ पर अधिक डेटा का इंतजार है।
हाल में किया गया था परीक्षण
दरअसल, K-4 मिसाइल का परीक्षण कथित तौर पर 27 नवंबर को विशाखपटनम के तट पर पनडुब्बी आईएनएस अरिघाट से किया गया था, जिसे 29 अगस्त को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। बताया जा रहा है कि यह पनडुब्बी से लॉन्च की गई बैलिस्टिक मिसाइल (एसएलबीएम) का पहला परीक्षण था।
पानी में भी दुश्मनों की खैर नहीं
जानकारी दें कि K-4 मिसाइल परीक्षण के साथ ही भारत उन देशों के छोटे समूह का हिस्सा बन गया है जो जमीन, हवा और समुद्र के अंदर से परमाणु मिसाइल दाग सकते हैं। भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी समग्र सैन्य क्षमताओं में वृद्धि की है और अलग-अलग रेंज वाली मिसाइलों का परीक्षण किया है।
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने इस संबंध में यह भी कहा कि दो SSN (परमाणु ऊर्जा से चलने वाली हमलावर पनडुब्बियों) के लिए सरकार की मंजूरी ने इस बात का संकेत दिया है कि देश को ऐसी नौकाओं के निर्माण के लिए स्वदेशी क्षमताओं पर विश्वास है।
दुश्मन के जहाजों की खैर नहीं
बता दें कि दुश्मन के जहाजों और पनडुब्बियों को निशाना बनाने के लिए तेज हमलावर पनडुब्बियों का इस्तेमाल किया जाता है और वे जमीन और समुद्र के लक्ष्यों के खिलाफ़ क्रूज मिसाइलों को लॉन्च कर सकती हैं। जानकारी के अनुसार ये मिसाइल INS अरिघाट जैसे SSBM से अलग हैं, जिनकी मुख्य भूमिका परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइलों को लॉन्च करना है।
लगातार बढ़ रही नौसेना की ताकत
गौरतलब है कि एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि देश की नौसेना की ताकत बढ़ाने के प्रयासों के तहत वर्तमान में देश में 62 जहाज और एक पनडुब्बी का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि अगले एक साल में बड़ी संख्या में प्लेटफॉर्म शामिल होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं और कम से कम एक जहाज नौसेना में शामिल किया जाएगा।
नौसेना प्रमुख ने कहा कि हमने बल में विशिष्ट तकनीकों को शामिल करने के प्रयासों को दोगुना कर दिया है। राफेल-एम (नौसेना संस्करण) और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद अगले महीने अंतिम रूप ले सकती है। पिछले साल रक्षा मंत्रालय ने फ्रांस से राफेल-एम जेट की खरीद को मंजूरी दी थी, मुख्य रूप से स्वदेशी रूप से निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर तैनाती के लिए।
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