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    Agni-5: अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण, तवांग में संघर्ष के बाद ड्रैगन को भारत का कड़ा संदेश

    By Amit SinghEdited By:
    Updated: Thu, 15 Dec 2022 07:48 PM (IST)

    Agni-5 testing भारत ने गुरुवार को अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल परमाणु क्षमता से लैस बैलिस्टिक मिसाइल है। जो कि पांच हजार किलोमीटर से अधिक दूर स्थित लक्ष्यों को भी भेदने में सक्षम है।

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    अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण (फाइल फोटो)

    नई दिल्ली, एएनआई: भारत ने गुरुवार को अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल परमाणु क्षमता से लैस बैलिस्टिक मिसाइल है। जो कि, पांच हजार किलोमीटर से अधिक दूर स्थित लक्ष्यों को भी भेदने में सक्षम है।

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    पिछले प्रारूपों की तुलना में हल्की

    समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल अपने पिछले प्रारूपों की तुलना में हल्की है। साथ इस मिसाइल में नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। मिसाइल बनाने में इस्तेमाल की गई नई तकनीकों और उपकरणों की जांच करने के उद्देश्य से ही यह परीक्षण किया गया था।

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    चीन के लिए चिंता का सबब

    अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल अपनी मारक क्षमता के कारण चीन के लिए चिंता का सबब है। अभी तक भारतीय मिसाइलों की जद से चीन के प्रमुख शहर शामिल नहीं थे। अग्नि-5 मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद अब इसकी पहुंच चीन के प्रमुख शहरों तक है। इसकी मारक क्षमता 5000 किलोमीटर है। खासकर चीन के प्रमुख औद्योगिक शहरों को यह जलाकर राख कर सकती है। यह मिसाइल परमाणु बम गिराने में सक्षम है। इसका निशाना अचूक है। यह अपने लक्ष्‍य को भेदने में बेहद कारगर है। उधर, चीन का कहना है कि अग्नि-5 की मारक क्षमता आठ हजार किलोमीटर तक है। चीन का कहना है कि इस मिसाइल की जद में पूरे एशिया और यूरोप के 70 फीसद हिस्‍से है।

    परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम

    अग्नि-5 मिसाइल 1500 किलोग्राम तक के परमाणु हथियार अपने साथ ले जा सकती है। दुश्मन के किसी भी शहर को यह देखते ही देखते नेस्तनाबूद कर सकती है। इसका वजन करीब 50 हजार किग्रा है। मिसाइल 1.75 मीटर लंबी है। इसका व्यास 2 मीटर है। यह अपने साथ 1.5 टन वारहेड ले जाने में समर्थ है। यह मिसाइल भारत की सतह से सतह पर मार करने वाली सबसे घातक मिसाइल है। इसे डीआरडीओ और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने तैयार किया है। एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से भारत ने इसका सफल परीक्षण किया। डीआरडीओ अग्नि के अलग-अलग वैरियंट को महाविनाशक बनाने की तैयारी में जुटा है।

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