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    'नेबरहुड फ‌र्स्ट' पॉलिसी को मजबूत करने में जुटा भारत, सेना प्रमुख 2 दिसंबर को जाएंगे श्रीलंका

    By SANJAY MISHRAEdited By: Garima Singh
    Updated: Tue, 25 Nov 2025 11:30 PM (IST)

    भारत 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी सिलसिले में, भारतीय सेना प्रमुख 2 दिसंबर को श्रीलंका का दौरा करेंगे। इस यात्रा का लक्ष्य दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है। यह दौरा भारत और श्रीलंका के मजबूत संबंधों को दर्शाता है और क्षेत्रीय सुरक्षा में भारत के योगदान को रेखांकित करता है।

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    सेना प्रमुख 2 दिसंबर को श्रीलंका जाएंगे। फाइल फोटो

    संजय मिश्र, नई दिल्ली। देश की पूर्वी, पश्चिमी तथा उत्तरी सीमाओं पर हाल के वर्षों में बढ़ी सामरिक चुनौतियों के मद्देनजर भारत अपने करीबी पड़ोसी देशों से सैन्य रिश्तों और रणनीतिक सहयोग को आगे बढ़ाने की निरंतर पहल कर रहा है।

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    सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी का आगामी एक और दो दिसंबर को होने वाला श्रीलंका दौरा इस लिहाज से अहम है कि यह दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को गहराई देगा। भारतीय सेना के शीर्ष सैन्य स्तर पर उच्चस्तरीय संवाद दोनों देशों में बढ़े रणनीतिक भरोसे के साथ-साथ सैन्य सेनाओं की बीच सहज हुए ऑपरेशनल मेलजोल का प्रमाण भी है।

    सेना प्रमुख 2 दिसंबर को श्रीलंका जाएंगे

    दौरे का मकसद श्रीलंका के साथ साझेदारी, स्थायित्व और सहयोग पर जोर देकर भारत की 'नेबरहुड फ‌र्स्ट' पॉलिसी को मजबूत करना है। सेना प्रमुख अपनी इस यात्रा के दौरान खास तौर पर श्रीलंका के शीर्ष राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व के साथ बातचीत में उभरते क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों पर भारत का नजरिया साझा करेंगे।

    ऐसे समय में जब इंडो-पैसिफिक और इंडियन ओशन रीजन (आईओआर) नए और बदलते रणनीतिक दबाव का सामना कर रहे हैं तब नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी की यात्रा के तीन महीने के भीतर ही सेना प्रमुख की श्रीलंका की इस यात्रा के रणनीतिक मायने हैं।

    रक्षा सहयोग पर रहेगा विशेष जोर

    चीन-पाकिस्तान के बाद बांग्लादेश में हुए सत्ता परिवर्तन के कारण भी भारत को अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए खास सतर्कता बरतनी पड़ रही है। सेना प्रमुख के दौर के दौरान बेशक आपसी सैन्य सहयोग को मजबूत करने के लिए अलग-अलग डिफेंस डोमेन में क्षमता निर्माण पर चर्चा होगी और भारत इस दिशा में श्रीलंका की मदद के लिए प्रतिबद्ध है।

    सैन्य सूत्रों के अनुसार इस दौरे से ट्रेनिंग, प्रोफेशनल एक्सचेंज, संयुक्त अभ्यास और ऑपरेशनल बेस्ट प्रैक्टिस जैसे कदमों के जरिए दोनों सेनाओं के रिश्तों को और गहरा बनाने पर चर्चा की उम्मीद है। जनरल उपेंद्र द्विवेदी बीते चार सालों में श्रीलंका का दौरा करने वाले पहले सेना प्रमुख हैं।

    'नेबरहुड फर्स्ट' नीति को बढ़ावा

    इससे पहले जनरल एमएम नरवणे ने 2021 में श्रीलंका कीयात्रा की थी। वैसे शीर्ष सैन्य स्तर पर श्रीलंका के साथ भारत का सपंर्क-संवाद निरंतर बना रहा है और अभी सितंबर 2025 में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने श्रीलंका दौरा किया था।

    इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग बढ़ाने से लेकर साझा रणनीतिक चुनौतियों पर बातचीत हुई थी।

    इसी तरह जून 2025 में श्रीलंका आर्मी के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल लसंथा रोड्रिगो ने भारत का दौरा किया और वे पासिंग आउट परेड के लिए रिव्यूइंग ऑफिसर के तौर पर इंडियन मिलिट्री एकेडमी में दुबारा आए थे। जबकि 2023 में श्रीलंका सेना के लेफ्टिनेंट जनरल विकुम लियानागे ने भारत की यात्रा की थी।

    दोनों देशों के अच्छे संबंध 

    सेना का मानना है कि भारत और श्रीलंका के बीच ऐतिहासिक सांस्कृतिक और सभ्यतागत जुड़ाव का संबंध हमारे रक्षा सहयोग को सहज मजबूती प्रदान करता है।

    भारत और श्रीलंका दोनों स्ट्रेटेजिक ऑटोनॉमी के सिद्धांत को मानते हैं और आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम की हिमायत करते हैं।

    बहुराष्ट्रीय मंचों पर भी दोनों एक दूसरे का समर्थन करते हैं जैसे श्रीलंका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता का पूरा समर्थन करता है तो ब्रिक्स जैसे मंचों पर श्रीलंका के हितों की भारत हिमायत करता है।