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    India Steel-2025: 'इस्पात जैसा मजबूत भारत' बनाने के लिए मिलकर काम करें उद्योग, इंडिया इस्पात कार्यक्रम में बोले पीएम मोदी

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Fri, 25 Apr 2025 07:24 AM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को उद्योग जगत से मजबूत हितकारी बदलावों को तेजी से आगे बढ़ाने वाला और इस्पात जैसा सुदृढ़ भारत बनाने के लिए साथ मिलकर काम करने को कहा। प्रधानमंत्री ने इंडिया इस्पात 2025 कार्यक्रम को आनलाइन संबोधित करते हुए यह भी कहा कि देश को कच्चे माल की सुरक्षा के लिए अपनी वैश्विक भागीदारी को मजबूत करने की आवश्यकता है।

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    इस्पात जैसा मजबूत भारत' बनाने के लिए मिलकर काम करें उद्योग- पीएम मोदी (फाइल फोटो)

     पीटीआई, मुंबई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को उद्योग जगत से 'मजबूत, हितकारी बदलावों को तेजी से आगे बढ़ाने वाला और इस्पात जैसा सु²ढ़ भारत' बनाने के लिए साथ मिलकर काम करने को कहा। प्रधानमंत्री ने इंडिया इस्पात 2025 कार्यक्रम को 'आनलाइन' संबोधित करते हुए यह भी कहा कि देश को कच्चे माल की सुरक्षा के लिए अपनी वैश्विक भागीदारी को मजबूत करने की आवश्यकता है।

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    इस्पात उभरता हुआ क्षेत्र- पीएम मोदी

    पीएम मोदी ने इस्पात को 'उभरता हुआ क्षेत्र' बताते हुए इसका उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि यह विकास की रीढ़ है। उन्होंने नई प्रक्रियाओं को अपनाने, नवोन्मेष करने, सर्वोत्तम गतिविधियों का आदान-प्रदान करने और कोयले का आयात कम करने पर भी विचार करने को कहा।

    इस्पात उद्योग के प्रतिनिधियों को अपने संबोधन में मोदी ने कहा, 'आइए, हम एक मजबूत, और इस्पात जैसा सु²ढ़ भारत बनाने के लिए एक साथ मिलकर काम करें।' उन्होंने स्वीकार किया कि कच्चा माल प्राप्त करना इस्पात क्षेत्र के लिए एक बड़ी चिंता है।

    एक बड़ी चिंता कच्चे माल की सुरक्षा है- मोदी

    उन्होंने सभी से वैश्विक साझेदारी को मजबूत करने और आपूर्ति व्यवस्था को सुरक्षित करने का आग्रह किया। मोदी ने कहा, 'एक बड़ी चिंता कच्चे माल की सुरक्षा है। हम अभी भी निकल, कोकिंग कोयला और मैंगनीज के लिए आयात पर निर्भर हैं। और इसीलिए, हमें वैश्विक साझेदारी को मजबूत करना चाहिए, आपूर्ति व्यवस्था को सुरक्षित करना चाहिए और प्रौद्योगिकी को उन्नत बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।''

    निष्क्रिय पड़ी नई खदानों में खनन कार्यों में तेजी लाएं

    मोदी ने कहा कि कई नई खदानें हैं, जिनका उपयोग नहीं हो पाया है। उनका उचित और समय पर उपयोग किया जाना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगाह किया कि ऐसा नहीं होने पर देश और उद्योग दोनों को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि देश को कोयला गैसीकरण (कोयला से गैस बनाना) और कोयला आयात को कम करने के लिए अपने भंडार के बेहतर उपयोग जैसे विकल्पों की भी तलाश करनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्योग को भविष्य के लिए तैयार रहना चाहिए और नई प्रक्रियाओं, नए स्तर और नए पैमाने को अपनाना चाहिए।

    2030 तक इस्पात की प्रति व्यक्ति खपत 160 किलो करने का लक्ष्य मोदी ने कहा कि देश का लक्ष्य 2030 तक इस्पात उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 30 करोड़ टन करना है, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 17.9 करोड़ टन था।

    साथ ही प्रति व्यक्ति इस्पात की खपत भी इसी अवधि में वर्तमान 98 किलो से बढ़ाकर 160 किलो करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि देश 1,300 अरब डालर की राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन को भी 'आगे बढ़ा रहा है' और शहरों को बड़े पैमाने पर स्मार्ट शहरों में बदलने के लिए 'व्यापक कार्य चल रहा है'।

    चंद्रयान मिशन पर बोले पीएम मोदी

    मोदी ने कहा, 'सड़कों, रेलवे, हवाई अड्डों, बंदरगाहों और पाइपलाइन में विकास की गति इस्पात क्षेत्र के लिए नए अवसर उत्पन्न कर रही है।' उन्होंने कहा कि बड़ी परियोजनाओं की बढ़ती संख्या उच्च स्तर के इस्पात की मांग को बढ़ाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत विक्रांत और चंद्रयान मिशन में इस्तेमाल किया गया इस्पात स्थानीय स्तर पर विनिर्मित किया गया था।