India-Sri Lanka Relations: श्रीलंका संकट पर मोदी सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, तमिलनाडु में बढ़ रहे शरणार्थियों की समस्या पर हो सकती है चर्चा
सरकार कई राजनीतिक दलों की चिंताओं को दूर करने के लिए स्वत बैठक बुला रही है खासकर तमिलनाडु में क्योंकि वे श्रीलंकाई संकट और राज्य में शरणार्थियों की आमद से चिंतित हैं। कुछ दिन पहले तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने लंका की स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त की थी।

नई दिल्ली, एजेंसियां। राजनीतिक और आर्थिक संकट झेल रहे श्रीलंका को लेकर केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने मंगलवार शाम को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें पड़ोसी देश से जुड़े सभी मुद्दों पर व्यापक चर्चा होगी। संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने रविवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि हम श्रीलंकाई संकट पर संक्षिप्त जानकारी के लिए मंगलवार को एक और सर्वदलीय बैठक बुला रहे हैं। हमने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर से यह ब्रीफिंग करने का अनुरोध किया है। सूत्रों के अनुसार बैठक में विदेश सचिव के श्रीलंका की स्थिति और भारत द्वारा पूर्व में द्वीप राष्ट्र को दी गई सहायता पर सदस्यों के समक्ष एक प्रस्तुति देने की संभावना है। बैठक शाम साढ़े पांच बजे शुरू होगी। सूत्रों ने कहा कि सरकार ने कई राजनीतिक दलों की चिंताओं को दूर करने के लिए यह स्वतंत्र बैठक बुलाई है। खासकर तमिलनाडु को लेकर, क्योंकि वह श्रीलंकाई संकट और राज्य में शरणार्थियों के आने से चिंतित हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर के साथ अपनी हालिया बैठक में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने श्रीलंका की स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त की थी और आर्थिक रूप से प्रभावित राष्ट्र को राहत सामग्री भेजने की अनुमति मांगी थी। बता दें कि वर्तमान में श्रीलंका जबरदस्त आर्थिक और राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है। 73 वर्षीय राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे नौ जुलाई को उनके आवास पर प्रदर्शनकारियों के धावा बोलने के बाद छिप गए थे। बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था, जिसे संसद अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया था। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी अपने इस्तीफे की घोषणा की थी।
225 सदस्यीय संसद 20 जुलाई को मतदान से नए राष्ट्रपति का करेगी चुनाव
इस बीच, विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को अंतरिम राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। 225 सदस्यीय श्रीलंकाई संसद अब 20 जुलाई को मतदान के जरिये नए राष्ट्रपति का चुनाव करेगी। वर्तमान में श्रीलंका ईंधन और अन्य आवश्यक आपूर्ति की भारी कमी का सामना कर रहा है। बढ़ती मुद्रास्फीति के साथ वह अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है। भारत अपनी 'नेबरहुड फर्स्ट पालिसी' के तहत इस द्वीप राष्ट्र को गंभीर आर्थिक स्थिति के संकट से उबरने के लिए इस वर्ष 3.8 बिलियन अमेरिकी डालर से अधिक की सहायता दे चुका है।
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