Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अगले महीने इंडिया स्पेस कांग्रेस में जुटेंगे विशेषज्ञ, अंतरिक्ष क्षेत्र में FDI सहयोग से मिलेंगे नए अवसर

    Updated: Mon, 13 May 2024 11:45 PM (IST)

    अगले महीने आयोजित होने वाले इंडिया स्पेस कांग्रेस में नीति निर्माता विभिन्न देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों के प्रतिनिधियों समेत दुनियाभर के 800 से अधिक विशेषज्ञों के शामिल होने की उम्मीद है। सैटकॉम इंडस्ट्री एसोसिएशन इंडिया (एसआइए-इंडिया) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम का विषय ब्रिजिंग बाउंड्रीज ट्रांसफार्मिंग टुमारो है। यह आयोजन 26-28 जून तक आयोजित किया जाएगा। वहीं इस सम्मेलन में इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ भी शरीक होंगे।

    Hero Image
    अगले महीने इंडिया स्पेस कांग्रेस में जुटेंगे विशेषज्ञ। (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। अगले महीने आयोजित होने वाले इंडिया स्पेस कांग्रेस में नीति निर्माता, विभिन्न देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों के प्रतिनिधियों समेत दुनियाभर के 800 से अधिक विशेषज्ञों के शामिल होने की उम्मीद है। सैटकॉम इंडस्ट्री एसोसिएशन इंडिया (एसआइए-इंडिया) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम का विषय 'ब्रिजिंग बाउंड्रीज, ट्रांसफार्मिंग टुमारो' है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह आयोजन 26-28 जून तक आयोजित किया जाएगा। एसआईए-इंडिया के अध्यक्ष सुब्बा राव पावुलुरी ने बयान में कहा, नीतियों के हालिया उदारीकरण, जिसमें चुनिंदा अंतरिक्ष क्षेत्रों में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने का भारत सरकार के निर्णय ने वैश्विक सहयोग के लिए व्यापक संभावनाएं और अवसर पैदा किए हैं।

    सम्मेलन में इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ होंगे शरीक

    इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ, ग्लोबल स्पेस ऑपरेशंस एसोसिएशन की महानिदेशक इसाबेल मौरो, लीओलैब्स ऑस्ट्रेलिया के अध्यक्ष टेरी वान हरेन सहित अन्य लोगों के आईएसए में भाग लेने की उम्मीद है।

    30 से अधिक देशों के साथ सहयोग प्रदर्शित करेगा सम्मेलन

    एसआईए-इंडिया के महानिदेशक अनिल प्रकाश ने कहा, यह सम्मेलन ऑस्ट्रेलिया, फिलीपींस, इंडोनेशिया, सिंगापुर, जापान, अफ्रीका और अमेरिका सहित 30 से अधिक देशों के साथ सहयोग प्रदर्शित करता है।

    ये भी पढ़ें: India-Iran Ties: भारत के इस कदम से चीन को लगेगी मिर्ची, 10 वर्षों तक चाबहार पोर्ट के प्रबंधन का मिला ठेका