'डराया, धमकाया और परेशान किया', दूतावास का कार्यक्रम रद्द होने पर भारत का रिएक्शन; कनाडा को सुनाई खरी-खरी
कनाडा में भारतीय दूतावास का कार्यक्रम रद्द होने पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ा रिएक्शन दिया है। गौरतलब है कि कनाडा-भारत के खराब होते संबंध के बीच ट्रूडो सरकार की नई हरकत ने आग में घी डालने का काम किया है। ट्रूडो सरकार ने भारतीय दूतावास के कार्यक्रम को सुरक्षा मुहैया कराने से इनकार कर दिया था। पढ़ें विदेश मंत्रालय ने इस पर क्या दी प्रतिक्रिया।

एएनआई, नई दिल्ली। कनाडा में भारतीय दूतावास का शिविर कार्यक्रम रद्द होने पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि वहां की सरकार की ओर से पर्याप्त सुरक्षा आश्वासन न मिलने के कारण यह फैसला किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि पिछले एक साल या उससे अधिक समय में भारतीय राजनयिकों को कनाडा में डराया, धमकाया गया और उन्हें परेशान किया गया।
मंत्रालय ने कहा कि यह सब हरकतें अस्वीकार्य हैं और हमने मजबूती से कनाडा के सामने यह मुद्दा उठाया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हमने अपने राजनयिकों के लिए सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की थी, जहां वाणिज्य दूतावास शिविर आयोजित किया जाना था, लेकिन कनाडा की ओर से सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई। पिछले एक साल या उससे भी ज़्यादा समय से हमने भारतीय राजनयिकों पर हमले, उन्हें डराना, धमकाना, परेशान करना जैसी चीज़ें देखी हैं।'
#WATCH | Delhi: MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "We had asked for security to be provided for our diplomats where the consular camp was to be held and those have not been provided by the Canadian side. Over the last year or even more, the kind of things that we have seen… https://t.co/LJLDHVrVY6 pic.twitter.com/Naph5ZS5Z4
— ANI (@ANI) November 7, 2024
'राजनयिकों पर रखी जा रही निगरानी'
उन्होंने कहा, 'हां, धमकियां बढ़ी हैं। भारतीय राजनयिकों पर निगरानी रखी जा रही है, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है। विदेश मंत्री ने भी इस बारे में बात की है। हमने इस मामले को कनाडा की ओर से भी बहुत मजबूती से उठाया है।' रणधीर ने बताया कि वाणिज्य दूतावास की ओर से यह शिविर कनाडा में रह रहे भारतीय प्रवासी समुदाय की सहायता के लिए आयोजित किए जाते हैं।
उन्होंने कहा, 'कनाडा में हमारे पास एक बड़ा प्रवासी समुदाय है। इनमें से कई लोगों को, विशेष रूप से नवंबर, दिसंबर के महीने में, भारत में अपनी पेंशन और कई अन्य गतिविधियों को जारी रखने के लिए कई दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। इसलिए यह वाणिज्य दूतावास शिविर जो हम आयोजित करते हैं, वह समुदाय के लिए उपयोगी है, भारतीय राष्ट्रीयता के लोगों और भारतीय मूल के लोगों, दोनों के लिए, जो आज कनाडाई नागरिक हैं।'
#WATCH | Delhi: MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "You would have seen the message posted by our consulate in Toronto that they have had to cancel the consular camp that they were planning to organise over the weekend because they did not get adequate security or security… https://t.co/LJLDHVrVY6 pic.twitter.com/fW3G7v3TY8
— ANI (@ANI) November 7, 2024
अन्य हिस्सों में आयोजित किए जाएंगे शिविर: MEA
रणधीर जयसवाल ने आगे कहा,'मैं समझता हूं कि कनाडा के अन्य हिस्सों में, उदाहरण के लिए वैंकूवर में, वाणिज्य दूतावास शिविर आयोजित किए जाएंगे। ये वाणिज्य दूतावास शिविर सामुदायिक संगठनों के अनुरोध पर आयोजित किए जाते हैं। इसलिए जहां सामुदायिक संगठन सहज हैं, हम इन वाणिज्य दूतावास शिविरों के साथ आगे बढ़ेंगे।'
गौरतलब है कि इससे पहले कनाडा के टोरंटो स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया था कि कुछ निर्धारित वाणिज्य दूतावास शिविरों को रद्द करने का निर्णय लिया है, क्योंकि सुरक्षा एजेंसियों ने सामुदायिक शिविर आयोजकों को न्यूनतम सुरक्षा प्रदान करने में अपनी असमर्थता व्यक्त की है।
अफगान मंत्रियों से मिला भारतीय प्रतिनिधिमंडल
इसके अलावा विदेश मंत्रालय ने चाबहार बंदरगाह परियोजना पर कहा, 'विदेश मंत्रालय में पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, ईरान के प्रभारी संयुक्त सचिव जेपी सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने 4 और 5 नवंबर को काबुल का दौरा किया। यात्रा के दौरान, उन्होंने अफगान मंत्री के साथ कई बैठकें कीं, जिनमें कार्यवाहक रक्षा मंत्री भी शामिल थे। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई से भी मुलाक़ात की।'
#WATCH | Delhi: On the Chabahar Port project, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "We had a delegation led by the JP Singh, Joint Secretary in charge of Pakistan, Afghanistan, Iran, in MEA. He visited Kabul on 4th and 5th November. During the visit, he had several meetings… pic.twitter.com/URLYoVRZE8
— ANI (@ANI) November 7, 2024
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, 'उन्होंने वहां संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के प्रमुख और कई अन्य वरिष्ठ मंत्रियों से भी मुलाकात की। उन्होंने भारत की मानवीय सहायता पर चर्चा की। साथ ही इस बात पर भी चर्चा की कि कैसे चाबहार बंदरगाह का उपयोग अफगानिस्तान में व्यापारिक समुदाय द्वारा लेन-देन और आयात-निर्यात और किसी अन्य चीज के लिए किया जा सकता है जो वे करना चाहते हैं।'
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