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    भीष्म टैंक, ब्रह्मोस से लेकर पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर तक... कर्तव्य पथ पर भारतीय सेना ने दिखाई ताकत

    Updated: Sun, 26 Jan 2025 12:47 PM (IST)

    76th Republic Day आज देशभर में 76वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। भारतीय सेना रविवार को कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड के दौरान डिफेंस टेक्नोलॉजी म ...और पढ़ें

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    भारत ने किया सैन्य शक्ति का प्रदर्शन (फोटो-जागरण)

    एएनआई, नई दिल्ली। Republic Day 2025: आज देशभर में 76वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। भारतीय सेना रविवार को कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड के दौरान डिफेंस टैक्नॉलिजी में अपनी अत्याधुनिक प्रगति का प्रदर्शन करने में सबसे आगे थी।

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    सलामी मंच पर शक्तिशाली प्रणालियां थीं जो नवाचार और आत्मनिर्भरता के लिए सेना की प्रतिबद्धता का उदाहरण थीं। इस दौरान भारतीय सेना ने हथियारों का बेहतरीन प्रदर्शन किया।

    परेड में भारतीय सेना की ताकत टी-90 'भीष्म' टैंक, सारथ (पैदल सेना ले जाने वाला वाहन बीएमपी-2), 'शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम' 10 मीटर, नाग मिसाइल सिस्टम, मल्टी बैरल रॉकेट लांचर सिस्टम 'अग्निबाण' और 'बजरंग' (हल्का विशिष्ट वाहन) भी परेड का हिस्सा रहे।

    पहली बार दिखी मिसाइल प्रलय

    डीआरडीओ की सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल प्रलय ने भी पहली बार परेड में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

    मजबूत होगी सैन्य शक्ति

    इंटीग्रेटेड बैटलफील्ड सर्विलांस सिस्टम (आईबीएसएस), जिसे भारतीय सेना और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है और सभी ग्राउंड-आधारित और हवाई सेंसर को एक सामान्य ग्रिड पर एकीकृत करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो कमांडरों को भौगोलिक सूचना प्रणाली (Geographic Information Systems) ओवरले के माध्यम से एकीकृत दृश्य प्रदान करता है।

    यह प्रणाली वास्तविक समय में सेना की शक्ति प्रणाली से जुड़ती है, जिससे सेंसर-शूटर कनेक्टिविटी की सुविधा मिलती है। आईबीएसएस भारतीय सेना की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाता है और बल गुणक के रूप में कार्य करता है। सिस्टम की प्रस्तुति का नेतृत्व 134 एसएटीए रेजिमेंट के बीएसएस (मैदान) के कमांडिंग लेफ्टिनेंट कर्नल श्रुतिका दत्ता और 621 एसएटीए बैटरी के बीएसएस (पर्वत) के कमांडिंग मेजर विकास ने किया।

    क्या है 'शार्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम' की खासियत?

    • अगला था शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम, जो स्वदेशी विकास का एक उत्पाद है, जो नदियों और नहरों जैसी भौगोलिक बाधाओं पर काबू पाने के लिए तेजी से तैनाती को सक्षम बनाता है।
    • 9.5 मीटर तक के अंतराल को बनाने और 70 टन तक वजन वाले टैंकों को समर्थन देने की क्षमता के साथ, सिस्टम को चार व्यक्तियों की टीम द्वारा 8 से 10 मिनट के भीतर स्थापित किया जा सकता है।

    • शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम कुशल सैन्य आवाजाही और संसाधन जुटाना सुनिश्चित करता है।
    • इसका नेतृत्व 9 रैपिड इंजीनियर रेजिमेंट के मेजर के जॉन अब्राहम और 234 आर्मर्ड इंजीनियर रेजिमेंट के कैप्टन जगजीत सिंह ने किया।