चिप निर्माण में भारत की बड़ी सफलता, जल्द शुरू होगा इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन का दूसरा चरण
इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि चिप निर्माण के इको सिस्टम को और मजबूत करने के लिए सरकार इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के दूसर ...और पढ़ें

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि चिप निर्माण के इको सिस्टम को और मजबूत बनाने के लिए सरकार इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के दूसरे चरण के लिए काम कर रही है।
आईएसएम के दूसरे चरण के तहत चिप से जुड़े पूरे इको सिस्टम को कवर किया जाएगा और इंसेंटिव भी दिए जाएंगे। पहले चरण के तहत सरकार ने सेमीकंडक्टर से जुड़े प्लांट को 76,000 करोड़ के इंसेंटिव देने का प्रविधान किया था।
भारत ने बड़ी सफलता की हासिल
इनमें से 65,000 करोड़ चिप के निर्माण तो 10,000 करोड़ मोहाली स्थित सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला के आधुनिकीकरण के लिए आवंटित किया गया। उन्होंने कहा कि मात्र साढ़े तीन साल में चिप निर्माण में भारत ने इतनी बड़ी सफलता हासिल की है।
कुछ साल पहले तक यह असंभव लगता था। वर्ष 2022 के आरंभ में इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन को शुरू किया गया था। वैष्णव ने कहा कि हमें ऑटो सेक्टर से लेकर बिजली, इलेक्ट्रॉनिक्स व उपभोक्ता वस्तु व रक्षा सभी जगह पर इस्तेमाल होने वाले चिप का निर्माण करना है। उसे ध्यान में रखते हुए ही आईएसएम के दूसरे चरण की घोषणा की जाएगी।
28 स्टार्टप्स कर रहे काम
उन्होंने कहा कि 28 स्टार्टअप चिप डिजाइनिंग के सेक्टर में काम कर रहे हैं। सेमीकान इंडिया 2025 में चिप निर्माण से जुड़े स्टार्टअप के कई कैपिटल वैंचर आगे आए हैं और उन्होंने एक निश्चित फंड भी निर्धारित किया है। वैष्णव ने कहा कि भारत में पांच सेमीकंडक्टर यूनिट का निर्माण तेजी से हो रहा है।
'हमारी नीति स्थिर और स्पष्ट'
उन्होंने कहा कि सभी यूनिट सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि दुनिया भर के लिए चिप का निर्माण करेंगी। सेमीकान इंडिया के अपने संबोधन में वैष्णव ने दुनिया भर के निवेशकों से कहा कि वैश्विक नीतियों की वजह से काफी अनिश्चितता आ गई हैं। ऐसे समय में भारत एक स्थिर विकास की जगह बना हुआ है। उन्होंने कहा कि वे भारत में आकर निवेश कर सकते हैं क्योंकि हमारी नीति स्थिर और स्पष्ट है।

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