भारत में सड़क सुरक्षा पर खतरे की घंटी, हर दिन औसतन 472 लोगों की मौत; 68% पैदल चलने वाले लोग शामिल
भारत में सड़क हादसे एक गंभीर समस्या बने हुए हैं जिसमें युवा और कामकाजी लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। सड़क परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार 2023 में 4.8 लाख से ज्यादा सड़क हादसे हुए जिनमें 1 लाख 72 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 66% युवा थे और 83.4% कामकाजी उम्र के लोग थे।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में तेज रफ्तार हाईवे और सुरक्षित वाहनों के बावजूद सड़क हादसे लगातार चिंता का कारण बने हुए हैं। सरकार और राज्यों की कोशिशों के बावजूद सड़क दुर्घनाएं बढ़ रही हैं और सबसे ज्यादा प्रभावित युवा और कामकाजी लोग हो रहे हैं।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट 'रोड एक्सीडेंट्स इन इंडिया- 2023' के मुताबिक, साल 2023 में देशभर में 4.8 लाख से ज्यादा सड़क हादसे हुए हैं। इनमें से 1 लाख 72 हजार 890 लोगों की मौत हो गई और 4 लाख 62 हजार 825 लोग घायल हुए।
क्या है रिपोर्ट में?
रिपोर्ट बताती है कि हादसों में मरने वालों में 66% युवा (18 से 45 साल) के थे। वहीं, अगर 18 से 60 साल तक के कामकाजी लोगों को देखें तो यह आंकड़ा 83.4% तक पहुंच जाता है। यानी हादसों का सबसे बड़ा असर परिवार के कमाने वाले सदस्यों पर हो रहा है।
साल 2023 में हुए कुल सड़क हादसों में से 31.2% राष्ट्रीय राजमार्गों पर, 22% राज्य राजमार्गों पर और बाकी 46.8% अन्य सड़कों पर दर्ज किए गए। राज्यों में तमिलनाडु में नेशनल हाईवे पर सबसे ज्यादा सड़क हादसे दर्ज हुए हैं। उत्तर प्रदेश में सड़कों हादसों में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं।
पैदल यात्रियों की कितनी मौत हुई?
कुल मौतों में से 68% पैदल यात्रियों, साइकिल सवारों और दोपहिया चालकों की हुई है। यह आंकड़ा दिखाता है कि सबसे ज्यादा खतरा सड़क पर चलने वाले आम लोगों और बाइक/ स्कूटर चलाने वालों को है।
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